26 जनवरी 1950 का दिन स्वतंत्र राष्ट्र का उदय उसकी संकल्प सिद्धि का दिवस था। बहुत गहरी प्रसव पीड़ा के बाद अंततः भारतीय स्वतंत्रता या यों कहें कि भारतीय अस्मिता का जन्म हुआ था, किन्तु अफसोस कि इसके उत्पन्न होते ही इसके अपने ही जन्मदाताओं ने बड़ी चालाकी से...

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पत्रकारों से वार्ता के दौरान उत्तर प्रदेश के श्री राज्यपाल महोदय ने कहा कि ‘‘ईवीएम पर अब आपत्ति जताने का आधार नहीं! उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने जब चुनौती दी थी तब कोई नहीं आया’’! श्री राज्यपाल महोदय ईवीएम का प्रमुख कम्पोनेंट विदेश से आयात होता है तो...

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भारतीय समाज में अश्लीलता सदियों से व्याप्त रही है। जिसको भिन्न-भिन्न रूपों में परिभाषित किया गया है। परंतु समाजशास्त्रियों तथा बुद्धजीवियों ने अश्लीलता को असभ्यता से जोड़कर

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‘बेटी’ शब्द जिसका नाम सुनते ही अधिकांश लोगों के चेहरे की हवाईयां उड़ जाती हैं, मानों कोई बुरी ख़बर से पाला पड़ गया हो? यह तो मात्र नाम का ही प्रभाव

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देश और जनता की हालत से मैं दुखी हूं। इसलिए आपके बीच आया हूं। अब बस मैं आपकी सेवा करना चाहता हूं… राजनीति से अलग किसी दूसरे क्षेत्र के स्थापित शख्सियत को जब भी मैं ऐसा कहता सुुनता हूं तो उसका भविष्य मेरे सामने नाचने लगता है। मैं समझ...

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अब स्वर्ग सिधार चुके एक ऐसे जनप्रतिनिधि को मैं जानता हूं जो युवावस्था में किसी तरह जनता द्वारा चुन लिए गए तो मृत्यु पर्यंत अपने पद पर कायम रहे। इसकी वजह उनकी लोकप्रियता व जनसमर्थन नहीं बल्कि एक अभूतपूर्व तिकड़म थी। जिसमें उनके परिवार के कुछ सदस्य शामिल हेोते...

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बचपन में स्कूल की किताबों में स्वतंत्रता सेनानी लाल – बाल – पाल के बारे में खूब पढ़ा था। जिज्ञासा हो ने पर पता चला कि तीनों महान स्वतंत्रता सेनानी थे। जिनका आजादी के आंदोलन में बड़ा योगदान था। कॉलेज तक पहुंचने पर देश के सबसे बड़े सूबे के...

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रिश्वत की जड़े बहुत गहरी है, हर छोटे बड़े शहरों से लेकर छोटे-छोटे गांवों, मोहल्लों तक इसने अपनी छाप छोड़ी है। छोटे से छोटा काम भी हमारे देश में एक पत्ती दो पत्ती, हरी पत्ती, लाल पत्ती दिए बिना नहीं होता। जुआरियों की भाषा की तरह ही रिश्वत के...

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हर शाख पे उल्लू बैठा है, अंजामें हिंदुस्तां क्या होगा? यह हम बचपन से सुनते आये हैं यह…. जैसे – जैसे हम बढ़ते गये ऐसा लगा की शाखों पर उल्लूओं की संख्या भी बढ़ती गई और अब आलम यह हो गया है की इन उल्लुओं के लिए शाखें भी...

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अगर हम बेटियों की बात करें तो आज जहां एक तरफ कुछ बेटियां प्रगति हर क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाकर अपनी पहचान बना रही हैं। तो वहीं दूसरी ओर कुछ ऐसी बेटियां भी है जो आसमान तक पहुंचना तो दूर की बात है, उन्हें जमीन पर आने से पहले...

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