अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर अपनी खास पहचान बनाने वाला हिमाचल प्रदेश का छोटा शहर ’मनाली’ प्राकृतिक दृश्य का एक नायाब खजाना है, और देश व विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। मनाली मनुआलय से बना है। ’मनुयालय का अर्थ मनुऋषि का घर है। मान्यता है...
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भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है. इस लक्ष्य को हासिल करने में पर्यटन क्षेत्र की की बहुत बड़ी भूमिका रहने वाली है. भारत में पर्यटन क्षेत्र के कायाकल्प के लिए केंद्र सरकार लगातार कदम उठा रही है. इस लिहाज से राष्ट्रीय पर्यटन...
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अगर ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए तो सबसे पहले गोवा का ज़िक्र महाभारत में किया गया था। उस समय गोवा का नाम गोपराष्ट्र अर्थात् गाय चराने वाले का देश हुआ करता था। माना जाता है कि गोवा गोपराष्ट्र का ही अपभ्रंश है। जनश्रुति के मुताबिक़ गोवा की रचना भगवान...
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केदार बाबा की उत्सव डोली गौरीकुंड से गुरुवार शाम को केदारनाथ पहुंच गई। अब शुक्रवार यानि कल सुबह 6:25 बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। कपाट खोलने को लेकर प्रशासन एवं मंदिर समिति की ओर से पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। कपाट खुलने से...
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नई दिल्ली : दिल्ली में घटते कोरोना मामलों को देखते हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सभी ऐतिहासिक स्मारकों को सोमवार से खोल दिया है, हालांकि इसको लेकर मंगलवार को आदेश जारी होगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की तरफ से कोरोना के कारण दिल्ली सर्कल के सभी ऐतिहासिक स्मारक महीने...
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“भारत सहित अन्य देशों के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने के उद्देश्य से नेपाल ने अपने देश में लगाया तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय टूरिज्म मार्ट”. अंतराष्ट्रीय पर्यटकों को बढ़ावा देने के लिये नेपाल के सुनसरी धरान में दूसरी बार आयोजित महा पर्यटन मेला में इस बार भी बिहार,बंगाल,आसाम,सिक्किम,भूटान आदि...
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कहते है कि “सूर्यपुत्र शनिदेव अगर पक्षरहित होकर पाप कर्म की सजा देते हैं तो उत्तम कर्म करने वाले मनुष्य को हर प्रकार की सुख सुविधा एवं वैभव भी प्रदान करते हैं।
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प्रकृतिक सुन्दरता के बीच रचा उत्तराखंड अपने आप में एक अद्भुत और रहस्यों से भरा हुआ प्रदेश है। देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध इस प्रदेश में प्रकृतिक की सुन्दरता का ऐसा नजारा देखने को मिलता है कि यहां आने वाला हर व्यक्ति इस प्रदेश की सुन्दरता का कायल...
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माँ हिडिम्बा देवी पूर्व में एक देवी अप्सरा योगिनी शक्ति थी। कृष्ण भगवान की माया के कारण इन्हें विलम्ब होने पर श्रापित किया गया था कि तू राक्षसी हो जा पुनः माँ देवी ने जब स्तुति की और पूछा कि आखिर कब मुझे श्राप से मुक्त होना है। तभी...
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तेरह सौ किलोमीटर का सफर तय करके अमरकंटक से निकलकर नर्मदा विनध्य और सतपुड़ा के बीच से होकर भडूच के पास खम्भात की खाड़ी में अरब सागर से जा मिलती है। ऐतिहासिक दृष्टि से नर्मदा के तट बहुत ही प्राचीन माने जाते हैं। पुरातत्व विभाग मानता है कि नर्मदा...
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