विवेकानंद ने एक संस्करण में लिखा है कि जब पहली -पहली बार धर्म की यात्रा पर उत्सुक हुआ, तो मेरे घर का जो रास्ता था, वह वेश्याओं के मोहल्ले से होकर गुजरता था। संन्यासी होने के कारण, त्यागी होने के कारण, मैं मील दो मील का चक्कर लगाकर उस...
Read More
दुनिया की सभी स्त्री को अपनी मुक्ति के लिए अपने व्यक्तित्व को खड़ा करने की दिशा में सोचना चाहिए। प्रयोग करने चाहिए। लेकिन ज्यादा से ज्यादा वह क्लब बना लेती है, जहां ताश खेल लेती है, कपड़ों की बात कर लेती है, फिल्मों की बात कर लेती है, चाय-कॉफी...
Read More
कलाम की बचपन से दिली ख्वाहिश थी कि वे फाइटर पायलट बनें। उन्होंने एरोस्पेस इंजीनियरिंग में पढ़ाई की और बाद में डीआरडीओ के साथ काम किया। उन्होंने अपनी जिंदगी के 40 महत्वपूर्ण साल डीआरडीओ और आईएसआरओ की सेवा में गुजारे। सपने वे नहीं होते जो आपको रात में सोते...
Read More
बाबा साहब ने सम्पूर्ण भारत वर्ष के लोगों को सामाजिक व्यवस्था की उन बेडि़यों से आजाद कराया जिनकी जकड़न ने लोगों को समता और सम्मान से महरूम कर दिया था। बाबा साहब ने समाज के शोषित वर्ग के साथ महिलाओं को न बल्कि समता औेर सम्मान का हक दिलाया...
Read More
आचार्य चाणक्य ने महाराज चंद्रगुप्त को अखंड़ भारत का सम्राट बनने में सहायता करने बाद विशाल साम्राज्य की प्रजा के लिए एक नीतिशास्त्र की रचना की थी जिसे आज ‘चाणक्य नीति’ के नाम से जाना जाता है। भले ही ‘चाणक्य नीति’ आज से 2300 साल पहले लिखी गई पर...
Read More
एक ऐसी कुंवारी माँ,जो पालती है दर्जनों अनाथ बच्चों को जिसकी ममता ने न सिर्फ अपने शहर और राज्य क़ी सीमा को लांघने पर मजबूर हुई बल्कि इस भारत क़ी माता ने अब भारत क़ी सरहद पार कर नेपाल में ,वहां के सैकड़ो अनाथ बच्चों को अपने प्यार और...
Read More
ओशो ओशो के आनुसार यदि अच्छे लोगों के हाथों में राजनीति आ जाए तो अभूतपूर्व परिवर्तन हो सकते हैं। बुरा आदमी बुरा सिर्फ इसलिए है कि अपने स्वार्थ के अतिरिक्त वह कुछ भी नहीं सोचता। अच्छा आदमी इसलिए अच्छा है कि अपने स्वार्थ से दूसरे के स्वार्थ को प्राथमिकता...
Read More
शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का। क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान आत्म निर्भरता के साथ आता है ? कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये । अंग्रेजी आवश्यक है...
Read More
आज का युवा जहां रूढ़ीवाद, परंपरागत, कर्मकांडी सोच और बाबाओं के चक्कर में फंसा हुआ है वहीं वह पाश्चात्य सभ्यता का अनुसारण कर नशे और सेक्स में
Read More
नारी वह मूरत है, जिसमे अपरंपार सहनशीलता है। कोमल पुष्प की तरह जग महका ने की क्षमता है। अपने कर्म में केवल अपने ही नहीं, बल्कि अपनो के अरमानो को आवाज़ देती है यह नारी। साँसे तो उसकी है, लेकिन जीती दूसरो की ज़िंदगी है।
Read More