दुनिया की सभी स्त्री को अपनी मुक्ति के लिए अपने व्यक्तित्व को खड़ा करने की दिशा में सोचना चाहिए। प्रयोग करने चाहिए। लेकिन ज्यादा से ज्यादा वह क्लब बना लेती है, जहां ताश खेल लेती है, कपड़ों की बात कर लेती है, फिल्मों की बात कर लेती है, चाय-कॉफी...

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जिस समय प्रेमचंद गोदान लिख रहे थे, उस समय उनके सामने स्वराज की नयी कल्पनाएँ और धारणाएं मौजूद थी. वे एक ऐसी स्वाधीनता चाहते थे जो राजनीतिक ही नहीं, सामाजिक और सांस्कृतिक भी हो. वे उपनिवेशवाद से ही नहीं, सामंती और पूंजीवादी शोषण, पराधीनता, संकीर्ण राष्ट्रवाद और जाती व्यवस्था...

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अपने घर से कोसों दूर जंगलों पहाड़ियों में पैदल घूमना, दलित आदिवासियों के पास जाकर उनकी स्थिति को जानना, मजदूरों की झोपड़ियों में बैठकर उनकी बात सुनना उनकी परेशानियों, डर, अभावों को दूर करना, उनके हक के लिए संघर्ष करना काफी मुश्किल कार्य है। परेशानियां और भी बढ़ जाती...

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लेखक, फिल्म एवं टीवी पटकथा-संवाद लेखक, हिंदी जगत के प्रमुख व्यंगकार शरद जोशी जी का जन्म 21 मई 1931 को मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में हुआ। देश की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक उठा-पटक और ज़मीनी राजनीति का जितना सटीक चित्रण जोशी जी की पैनी कलम ने पेश किया उसका कोई...

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कान्तिकरी महापुरुष राजा राममोहन राय का जन्म पश्चिम बंगाल में हुगली जिले के राधानगर गांव में 22 मई1772 को हुआ था । राजा राममोहन राय की प्रारंभिक शिक्षा राधानगर में हुई। उसके बाद राजा राममोहन राय के पिता रामकांत राय जो वैष्णव समर्थक थे। उन्हें आगे की पढ़ाई के...

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निडरता, समानता, प्रेम, वात्सल्य, व्यंग, वास्तविकता, विरोध, समर्थन, निश्चलता और जीवंतता की परिचायक है बाबा नागार्जुन उर्फ वैद्यनाथ मिस्र की कविताएँ। बिहार के विख्यात मधुबनी जिले का तरउनी गांव। गोकुल मिसिर के घर पैदा हुए ठक्कन।ठक्कन महाशय का असल नाम रखा गया बैद्यनाथ मिसिर। प्रारंभिक शिक्षा गांव की पाठशाला...

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उर्दू अदब के अज़ीम अफ़सानानिगार सआदत हसन मंटो की 107वीं सालगिरह 11 मई को मनाई गई। मन्टो 11 मई 1912 को लुधियाना के शहर समराला में पैदा हुए। बाप की सख़्ती और माँ की शफ़क़त में मन्टो की शख़्सियत पनपी। हमेशा मुआशरे की दुखती रग पर हाथ रखने वाले...

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विवेकानंद ने एक संस्करण में लिखा है कि जब पहली -पहली बार धर्म की यात्रा पर उत्सुक हुआ, तो मेरे घर का जो रास्ता था, वह वेश्याओं के मोहल्ले से होकर गुजरता था। संन्यासी होने के कारण, त्यागी होने के कारण, मैं मील दो मील का चक्कर लगाकर उस...

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कलाम की बचपन से दिली ख्वाहिश थी कि वे फाइटर पायलट बनें। उन्होंने एरोस्पेस इंजीनियरिंग में पढ़ाई की और बाद में डीआरडीओ के साथ काम किया। उन्होंने अपनी जिंदगी के 40 महत्वपूर्ण साल डीआरडीओ और आईएसआरओ की सेवा में गुजारे। सपने वे नहीं होते जो आपको रात में सोते...

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बाबा साहब ने सम्पूर्ण भारत वर्ष के लोगों को सामाजिक व्यवस्था की उन बेडि़यों से आजाद कराया जिनकी जकड़न ने लोगों को समता और सम्मान से महरूम कर दिया था। बाबा साहब ने समाज के शोषित वर्ग के साथ महिलाओं को न बल्कि समता औेर सम्मान का हक दिलाया...

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