आचार्य चाणक्य ने महाराज चंद्रगुप्त को अखंड़ भारत का सम्राट बनने में सहायता करने बाद विशाल साम्राज्य की प्रजा के लिए एक नीतिशास्त्र की रचना की थी जिसे आज ‘चाणक्य नीति’ के नाम से जाना जाता है। भले ही ‘चाणक्य नीति’ आज से 2300 साल पहले लिखी गई पर...
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एक ऐसी कुंवारी माँ,जो पालती है दर्जनों अनाथ बच्चों को जिसकी ममता ने न सिर्फ अपने शहर और राज्य क़ी सीमा को लांघने पर मजबूर हुई बल्कि इस भारत क़ी माता ने अब भारत क़ी सरहद पार कर नेपाल में ,वहां के सैकड़ो अनाथ बच्चों को अपने प्यार और...
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ओशो ओशो के आनुसार यदि अच्छे लोगों के हाथों में राजनीति आ जाए तो अभूतपूर्व परिवर्तन हो सकते हैं। बुरा आदमी बुरा सिर्फ इसलिए है कि अपने स्वार्थ के अतिरिक्त वह कुछ भी नहीं सोचता। अच्छा आदमी इसलिए अच्छा है कि अपने स्वार्थ से दूसरे के स्वार्थ को प्राथमिकता...
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शिखर तक पहुँचने के लिए ताकत चाहिए होती है चाहे वो माउन्ट एवरेस्ट का शिखर हो या आपके पेशे का। क्या हम यह नहीं जानते कि आत्म सम्मान आत्म निर्भरता के साथ आता है ? कृत्रिम सुख की बजाये ठोस उपलब्धियों के पीछे समर्पित रहिये । अंग्रेजी आवश्यक है...
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आज का युवा जहां रूढ़ीवाद, परंपरागत, कर्मकांडी सोच और बाबाओं के चक्कर में फंसा हुआ है वहीं वह पाश्चात्य सभ्यता का अनुसारण कर नशे और सेक्स में
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नारी वह मूरत है, जिसमे अपरंपार सहनशीलता है। कोमल पुष्प की तरह जग महका ने की क्षमता है। अपने कर्म में केवल अपने ही नहीं, बल्कि अपनो के अरमानो को आवाज़ देती है यह नारी। साँसे तो उसकी है, लेकिन जीती दूसरो की ज़िंदगी है।
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मुंबई: मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर आज उम्र के 41वें पड़ाव पर पहुंच गए हैं। आज सचिन का 41वां जन्मदिन है। संन्यास के बाद यह उनका पहला जन्मदिन है। सचिन ने सिर्फ 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा और उसके बाद करीब 24 साल क्रिकेट...
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नई दिल्ली। कलकत्ता में 12 जनवरी 1863 को जन्मे स्वामी विवेकानंद की आज 150वीं जयंती है। युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने विवेकानंद ने दिए अनमोल विचार :- हे सखे, तुम क्यों रो रहे हो? सब शक्ति तो तुम्हीं में हैं। हे भगवान्, अपना ऐश्वर्यमय स्वरूप को विकसित करो।...
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ओशो कहते हैं मैं अकेला महसूस करता हूँ, जो कि ठीक हैं लेकिन मैं भ्रमित हूँ। मैं नहीं जानता कि क्या हो रहा है। मेरे भीतर चीजें बदल रही हैं इसलिए कभी-कभी मैं आतंकित हो जाता हूँ, कभी-कभी अस्थिर अहसास होते हैं। यह स्वाभाविक है। जब कभी तुम...
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अमृतसर से स्पेशल ट्रेन दोपहर दो बजे चली और आठ घंटों के बाद मुगलपुरा पहुंची। रास्ते में कई आदमी मारे गए। अनेक जख्मी हुए और कुछ इधर-उधर भटक गए। सुबह दस बजे कैंप की ठंडी जमीन पर जब सिराजुद्दीन ने आंखें खोलीं और अपने चारों तरफ मर्दों, औरतों और...
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