क्रिकेट के किंग सचिन तेंदुलकर 41 के हुए, जानें कुछ खास बातें

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 Sachin-Birthday-Pix1मुंबई: मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर आज उम्र के 41वें पड़ाव पर पहुंच गए हैं। आज सचिन का 41वां जन्मदिन है। संन्यास के बाद यह उनका पहला जन्मदिन है। सचिन ने सिर्फ 16 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा और उसके बाद करीब 24 साल क्रिकेट की पिच पर राज किया।

सचिन ना सिर्फ बेहतर क्रिकेटर बल्कि एक अच्छे इंसान के तौर पर भी जाने जाते रहे हैं।

 

24 अप्रैल 1973 को मुम्बई में जन्में सचिन ने क्रिकेट खेलने की शुरुआत 1989 में की थी। अपने बल्ले के जौहर से उन्होंने टेस्ट और एकदिनी क्रिकेट के कई कीर्तिमान अपने नाम किए हैं। वो टेस्ट और एकदिवसीय क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं।

सचिन और उनके प्रशंसकों के लिए ये दिन कुछ खास है। क्रिकेट को धर्म बनाने वाले सचिन क्रिकेट इतिहास के वो बल्लेबाज हैं जिनके रिकॉर्ड के आगे सभी क्रिकेटर नतमस्तक हो जाते हैं।

टेस्ट और वनडे में शतकों का शतक लगाने वाले सचिन का क्रिकेट भले ही अब क्रिकेट के इतिहास में दर्ज हो गया हो, लेकिन क्रिकेट के भविष्य में जब कोई क्रिकेटर अपना परचम लहराएगा तो सचिन से ही उसकी तुलना की जाएगी। क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास ले चुके और इन दिनों आईपीएल में मुंबई इंडियंस टीम से आईकॉन के तौर पर जुड़े सचिन तेंडुलकर के जन्मदिन का मौका इस बार बेहद खास है।

इस दौरान सचिन ने न सिर्फ अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 100 शतक ठोके, बल्कि ऐसे और भी बेमिसाल रिकॉर्ड कायम किए, जिसे क्रिकेट के कई दिग्गज भी सपने की तरह देखते हैं। पिछले ढाई दशक सवा अरब से ज्यादा क्रिकेट फैन्स की आंखें 5 फीट 5 इंच की इस शख्सियत पर लगातार ऐसे टिकी रहीं।

सचिन तेंदुलकर से जुड़ी कुछ खास बातें :-

सचिन तेंदुलकर राज्यसभा के लिए मनोनीत होने वाले पहले सक्रिय क्रिकेटर हैं.  सचिन शुरुआती दौर में तेज गेंदबाज बनना चाहते थे, लेकिन एमआरएफ पेस फाउंडेशन के तत्कालीन प्रमुख डेनिस लिली ने 1987 में उन्हें रिजेक्ट कर दिया था।  1987 विश्वकप के दौरान वानखेड़े स्टेडियम में भारत और जिम्बाब्वे के बीच खेले गए मैच में सचिन ‘बॉल-बॉय’ थे।  उस समय वे 14 साल के थे।

1988 में ब्रेबॉर्न स्टेडियम में खेले गए एक प्रैक्टिस मैच में सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तानी टीम के लिए सब्स्टी च्यूट के तौर पर फील्डिंग की थी। बचपन में यदि सचिन नेट्स में पूरा सत्र बिना आउट हुए खेल लेते, तो उनके कोच रमाकांत अचरेकर उन्हें एक सिक्का देते थे।  सचिन के पास ऐसे तेरह सिक्के हैं। अक्टूबर 1995 को सचिन सबसे अमीर क्रिकेटर बन गए। उन्होंने वर्ल्ड टेल के साथ 31.5 करोड़ रुपये का एक करार किया था। बचपन में सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के अपने साजो-सामान के साथ सोया करते थे। सचिन तेंदुलकर को परफ्यूम और घड़ियां जमा करने का शौक है। मारुति-800 सचिन तेंदुलकर की पहली कार थी।

19 वर्ष की अवस्थाो में सचिन तेंदुलकर काउंटी क्रिकेट खेलने वाले सबसे युवा खिलाडी बन गए. सचिन तेंदुलकर पहली बार एक दवा कंपनी के ‘प्लास्टर’ के विज्ञापन में नजर आये थे. सचिन की पहली ‘ब्रैंड इंडोर्समेंट’ हेल्थ ड्रिंक ‘बूस्ट’ के लिए थी।  1990 में पहली बार टीवी पर दिखे इस विज्ञापन में कपिल देव भी उनके साथ थे। भारत के विरुद्ध अपने टेस्ट करियर का पदार्पण कर रहे इंग्लैंड के तेज गेंदबाज एलन मुलाली ने शिकायत की थी कि सचिन तेंदुलकर सामान्य से ज्यादा चौड़े बैट से खेल रहे हैं।

सचिन तेंदुलकर ने अपने पहले ही रणजी, दिलीप और ईरानी ट्राफी मैचों में शतक जड़ा था। सचिन तेंदुलकर ने अपना पहला रणजी ट्राफी मैच रवि शास्त्री की कप्तानी में खेला था। सचिन तेंदुलकर काफी भारी बैट से खेलते हैं, जो लगभग 1.5 किलोग्राम वजनी होता है।  इतना भारी बल्ला सिर्फ दक्षिण अफ्रीका के लांस क्लूजनर इस्तेमाल करते थे।

क्रिकेट के मैदान में हमेशा शांत दिखने वाले सचिन स्कूल में अक्सर अपने साथियों को परेशान किया करते थे। 1995 में सचिन तेंदुलकर नकली मूंछ-दाढ़ी और चश्मा लगाकर फिल्म ‘रोजा’ देखने गए। लेकिन सिनेमा हॉल में नकली साजो-सामान गिर गया और सबने उन्हें पहचान लिया। भारत सरकार की तरफ से सचिन तेंदुलकर को राजीव गांधी खेलरत्न, अर्जुन अवॉर्ड और पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। यह तीनों सम्मान हासिल करने वाले वे एकमात्र क्रिकेटर हैं।

दरअसल, एक दिन रविवार शाम को टीवी पर गाइड फिल्म आ रही थी। तब सचिन एक पेड़ से गिर गए थे. तब उनके बड़े भाई अजित ने उन्हें सजा के तौर पर क्रिकेट कोचिंग क्लास में भेज दिया था। बचपन में बेहद शरारती रहे सचिन बांद्रा ईस्ट के ‘साहित्य सहवास’ के गलियारे से बहने वाली पानी की धारा में से छोटी मछलियां पकड़ा करते थे। एक बार सचिन ने एक मराठी न्यूज चैनल को बताया था कि महाराष्ट्र में बेहद लोकप्रिय ‘वड़ा-पाव’ उनकी कमजोरी है। जब सचिन ने अपना एतिहासिक 50वां टेस्ट शतक लगाया था, तो उन्होंने अपना मनपसंद वैम्पायर का बैट इस्तेमाल किया था।पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला ही टेस्ट खेलते हुए सचिन ने जो पैड्स पहने थे, वो उन्हें सुनील गावस्कर ने भेंट किए थे।

सचिन तेंदुलकर टेनिस के दिग्गज खिलाड़ी जॉन मैकेनरो के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने मैकेनरो जैसे ही बाल बढा़ए और उनके इर्द-गिर्द बैंड बांधना शुरू कर दिया। एक कैलेंडर-वर्ष में सबसे ज्यादा शतक सचिन के नाम हैं। 1998 में उन्होंने 9 एकदिवसीय शतक ठोके थे।1998 में उन्होंने एकदिवसीय क्रिकेट में 1,894 रन बनाये थे, जो एक कैलेंडर-वर्ष में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाये गए सर्वाधिक रन हैं।सचिन तेंदुलकर को सिर्फ क्रिकेटर ही नहीं, दूसरे कई खेलों के दिग्गज भी एक रोल मॉडल मानते हैं। इस सूची में टेनिस सितारे पीट सम्प्रा स व बोरिस बेकर, अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबॉलर डिएगो माराडोना भी शामिल हैं।

सचिन के पिता रमेश तेंदुलकर प्रसिद्ध संगीतकार सचिन देव बर्मन के बहुत बड़े फैन थे। उन्होंने अपने बेटे का नाम भी उन्हीं के नाम पर रखा। सचिन किशोर कुमार और रॉक ग्रुप डायर स्ट्रेट्स के बहुत बड़े फैन हैं।सचिन तेंदुलकर सौरव गांगुली को ‘बाबू मोशाय’ कहते हैं और गांगुली उन्हें ‘छोटा बाबू’ कहकर पुकारते हैं। एक बार सचिन ने अपनी मां को मेंढक-भाजी की सब्जी बनने को कहा था। जिस आया ने सचिन की देखभाल की थी, उन्हें सब ‘सचुची बाई’ कहकर पुकारते हैं।सचिन अपनी कार फेरारी के इतने दीवाने हैं कि वे अपनी पत्नी अंजली को भी इसे चलाने नहीं देते।

बारिश के खलल के समय में सचिन टेनिस-बाल क्रिकेट और डार्ट्स खेलना पसंद करते थे। शरारतें करने के लिए मशहूर सचिन ने एक बार सौरव गांगुली के कमरे में पानी की पाइप फेंककर नल खोल दिया था। 1996 के विश्वकप में सचिन के बल्ले पर किसी भी कंपनी का लोगो नहीं था। विश्वकप के तुरंत बाद टायर बनने वाली कंपनी एमआरएफ ने उनसे करार कर लिया था। 1992 में सचिन सबसे कम उम्र में 1000 टेस्ट रन बनने वाले बल्लेबाज बन गए थे। टेस्ट क्रिकेट में 11000 रन बनाने और 40 विकेट लेने वाले एकमात्र खिलाडी सचिन तेंदुलकर हैं।

शतकों का शतक लगाने वाले सचिन क्रिकेट का मक्का कहे जाने वाले लॉर्ड्स पर एक भी अंतरराष्ट्रीय शतक नहीं लगया।लेकिन प्रिंसेस डायाना की याद   में खेले गए एक मैच में सचिन ने शतक लगा कर अपना यह सपना भी पूरा कर लिया।