अगर ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाए तो सबसे पहले गोवा का ज़िक्र महाभारत में किया गया था। उस समय गोवा का नाम गोपराष्ट्र अर्थात् गाय चराने वाले का देश हुआ करता था। माना जाता है कि गोवा गोपराष्ट्र का ही अपभ्रंश है। जनश्रुति के मुताबिक़ गोवा की रचना भगवान...
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अन्तर्राष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर अपनी खास पहचान बनाने वाला हिमाचल प्रदेश का छोटा शहर ’मनाली’ प्राकृतिक दृश्य का एक नायाब खजाना है, और देश व विदेश के सैलानियों के लिए आकर्षण का केन्द्र रहा है। मनाली मनुआलय से बना है।
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प्रकृतिक सुन्दरता के बीच रचा उत्तराखंड अपने आप में एक अद्भुत और रहस्यों से भरा हुआ प्रदेश है। देवभूमि के नाम से प्रसिद्ध इस प्रदेश में प्रकृतिक की सुन्दरता का ऐसा नजारा देखने को मिलता है कि यहां आने वाला हर व्यक्ति इस प्रदेश की सुन्दरता का कायल...
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माँ हिडिम्बा देवी पूर्व में एक देवी अप्सरा योगिनी शक्ति थी। कृष्ण भगवान की माया के कारण इन्हें विलम्ब होने पर श्रापित किया गया था कि तू राक्षसी हो जा पुनः माँ देवी ने जब स्तुति की और पूछा कि आखिर कब मुझे श्राप से मुक्त होना है। तभी...
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तेरह सौ किलोमीटर का सफर तय करके अमरकंटक से निकलकर नर्मदा विनध्य और सतपुड़ा के बीच से होकर भडूच के पास खम्भात की खाड़ी में अरब सागर से जा मिलती है। ऐतिहासिक दृष्टि से नर्मदा के तट बहुत ही प्राचीन माने जाते हैं। पुरातत्व विभाग मानता है कि नर्मदा...
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सरजुगा जिले के मुख्यालय अम्बिकापुर से पचास किलोमीटर दूर विलासपुर मार्ग पर स्थित रामगढ़ पर्वत प्राकृति वन सुषमा से सपन्न रामायण एवं महाभारत कालीन स्मृतियों का ही नहीं है, बल्कि विश्व की सबसे प्राचीन रंगशाला है। विद्वानों का मत है कि महाकवि कालीदास ने इसी काव्य ’मेघदूत’ की सृजना...
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जम्मू कश्मीर अपने इतिहास के साथ -साथ अपनी खुबसूरत वादियों और हर तरफ ऊंचे पहाड़ों के लिए भी जाना जाता है। यहाँ की समर केपिटल करूमीर को तो धरती के स्वर्ग का खिताब हासिल है और इस जन्नत को देखने के लिए दुनिया भर से टूरिस्ट यहाँ आते हैं।...
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गार्डनस् तो अपने बहुत देखे होंगे लेकिन पिंजौर गार्डन की तो बात ही कुछ अलग है। कहते हैं जो एक बार यहाँ आ गया वो समझो बस इस गार्डन का दीवाना होकर रह जाता है। चंडीगढ़-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर पंचकूला से लगभग पंद्रह किलोमीटर दूर उत्तर – पूर्व निचली...
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