हिंदू संस्कृति में चरण स्पर्श करना परंपरा ही नहीं, बल्कि आदर का स्वरूप है। वहीं, मनोवैज्ञानिकों का मत है, ‘चरण स्पर्श करने से लक्ष्य को पाने का बल मिलता है।’ लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि केवल उन्हीं के चरण स्पर्श करना चाहिए, जिनके आचरण ठीक हों।...

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होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भारतीय त्योहार है। यह पूर्व हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मॉस की पूर्णिम को मनाया जाता है। होली ऐसा त्यौहार है जिसमें लोग रंगों का खूब आनंद लेते है, एक साथ मिलकर नाचना गाना धूम मचाना यही होली के त्यौहार...

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कहा जाता है की इस दुनिया में मनुष्य को सबसे ज्यादा डर मरने से लगता है। लेकिन क्या सच में ऐसा है? जब विनोबा जी को कैंसर की बिमारी के बारे में पता चला तो उन्हें आपरेशन की सलाह दी गई। वर्ना तीन माह में मृत्यु की घोषणा कर...

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पंचांग के अनुसार, आज 12 मई को वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि और गुरुवार का योग बना है. ऐसा शुभ योग 4 साल बाद बना है. आज एक साथ वैशाख मास, एकादशी तिथि और दिन गुरुवार का योग है. इन तीनों के स्वामी भगवान विष्णु ही...

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पंचांग के अनुसार आने वाली 12 मई को एकादशी तिथि है, वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी कहा जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार मोहिनी एकादशी को सभी एकादशी में विशेष माना गया है. इस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप लिया था और...

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केदार बाबा की उत्सव डोली गौरीकुंड से गुरुवार शाम को केदारनाथ पहुंच गई। अब शुक्रवार यानि कल सुबह 6:25 बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। कपाट खोलने को लेकर प्रशासन एवं मंदिर समिति की ओर से पूरी तैयारियां कर ली गई हैं। कपाट खुलने से...

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2018चला गया और 2019 आ गया। लेकिन वह क्या चीज है जो एक सेंकेंड को दूसरे से, एक दिन को दूसरे दिन से और एक साल को दूसरे साल से अलग करती है। कुछ नहीं! वक़्त बिना जोड़ का एक ऐसा धागा है जो अनंत तक पसरा हुआ है। वे...

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छठ पर्व या छठ कार्तिक शुक्ल की षष्ठी को मनाया जाने वाला एक हिन्दू पर्व है। सूर्योपासना का यह अनुपम लोकपर्व मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। प्रायः हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले इस पर्व...

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उपासना और पार्थिव पूजन के लिए कितने कर्मकाण्डो का प्रचलन है जैसे तीर्थयात्रा, देवदर्शन, स्तवन, पाठ, षोडशोचार, प्ररिक्रमा, अभिषेक, शोभायात्रा, श्रद्धांजली, किर्तन आदि विभिन्न प्रचलन है पर उच्चस्तरीय साधना के मूल रूप से दो ही तरीके है पहला जप और दूसरा ध्यान। भारत ही नहीं सम्पूर्ण विश्व मे साधना...

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