दिल्ली में सरकार गठन की देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और उप राज्यनपाल को लगाई फटकार

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दिल्ली में राष्ट्रपति शासन पर आम आदमी पार्टी की ओर दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने केंद्र से स्पष्ट सवाल किया कि दिल्ली में सरकार बनाने को लेकर अब तक क्या हो रहा था, राष्ट्रपति से अनुमति लेने में इतनी देर क्यों हुई और सुनवाई के ठीक पहले जवाब क्यों आया? साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने उपराज्यपाल को निर्देश दिया है कि दिल्ली में सरकार गठन के लिए जल्द से जल्द संभावनाएं तलाशें।

सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि काफी वक्त दिया जा चुका है, लेकिन अब तक सरकार गठन का रास्ता साफ नहीं किया जा सका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र में राष्ट्रपति शासन हमेशा के लिए नहीं रह सकता, जनता को चुनी सरकार का हक है, उपराज्यपाल को इस मसले पर जल्द फैसला लेना चाहिए।

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राष्ट्रपति ने सरकार गठन के लिए बीजेपी को आमंत्रित करने के उप राज्यपाल के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, लेकिन कोर्ट ने कहा कि वह इस मामले में मैरिट के आधार पर ‘आप’ की याचिका पर सुनवाई करेगा।

सूत्रों का कहना है कि नजीब जंग जल्द’ ही बीजेपी को दिल्ली में सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं। उन्होंरने सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने का मौका देने की जो बात राष्र् दपति से कही थी, उसे स्वी कार कर लिया गया है। फिलहाल नजीब जंग दिल्ली से बाहर हैं और मंगलवार शाम तक दिल्ली लौटने वाले हैं। माना जा रहा है कि बीजेपी को बुधवार को सरकार बनाने का न्योता मिल सकता है। फरवरी में आम आदमी पार्टी नेता अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू है।

दरअसल, 70 सदस्यीय दिल्ली विधानसभा में फिलहाल, सदस्यों की कुल संख्या 67 है और भाजपा को बहुमत के लिए 34 विधायकों की जरूरत है। बीजेपी के 29 विधायक हैं, जबकि एक निर्दलीय व एक असंबद्ध विधायक का समर्थन उसको प्राप्त है। इस प्रकार उसकी संख्या 31 तक पहुंच जाती है। यदि वह तीन और विधायकों का समर्थन जुटा लेती है तो उसके लिए सदन में बहुमत साबित करना आसान हो जाएगा। विधानसभा चुनाव में भाजपा के कुल 32 विधायक जीते थे। लेकिन इनमें से तीन ने सांसद बनने के बाद विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद खाली हुई तीनों विधानसभा सीटों के लिए 25 नवंबर को मतदान कराने की घोषणा चुनाव आयोग ने की है।

गौरतलब है कि फरवरी में अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के बाद से दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू है। इस बीच आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने कहा है कि बीजेपी चुनाव से डर रही है और उनके पास आंकड़ा नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी पहले मना कर चुकी है, तो अब उसे न्योता कैसे मिल सकता है।

इस मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया है कि बीजेपी चुनाव से भाग रही है, क्योंकि उसे दिल्ली में हार का डर है। बीजेपी दिल्ली की जनता को गुमराह कर रही है। चार बार सरकार गठन के लिए विधायकों को खरीदने की कोशिश की, लेकिन नाकाम रही, अब ये पांचवीं बार है। बीजेपी सरकार गठन कैसे करेगी, उनके पास जरूरी आंकड़े नहीं हैं। बीजेपी चुनाव क्यों नहीं कराती।