मोदी की फैन हुईं शीला दीक्षित, मोदी को बताया आत्मनविश्वाीस और विजन से भरपूर शख्सा

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ऐसा लगता है ‘नमो नमो’ की लहर का असर केरल की पूर्व गर्वनर और दिल्लील की पूर्व मुख्य मंत्री शीला दीक्षित पर भी होने लगा है। शीला दीक्षित के BJP से रिश्तेल भले ही काफी तल्खम रहे हों, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वह आत्मरविश्वा स से लबरेज और दूरदृष्टि से भरपूर एक शख्सी के तौर पर देखती हैं।

अंग्रेजी अखबार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ में छपी खबर के मुताबिक, शीला ने बताया कि जुलाई में जब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलीं थी तब उनमें एक आत्मखविश्वा सी और एक अलग विजन और नई भाषा वाले नेता की झलक दिखी थी। हालांकि इसके आगे शीला ने कहा कि देखते हैं मोदी कैसे चीजों को व्यावहारिक धरातल पर लागू करते हैं।

अखबार से बात करते हुए शीला ने बताया, ‘केरल के गर्वनर के पद से इस्तीफा देने से पहले उनकी मोदी से मुलाकात हुई। मोदी ने अपनी बात इस बात से शुरू की कि अच्छे दिन आएंगे। नए नए मुहावरे अपने भाषण में प्रयोग करना उनका स्टाइल है और यह काफी आकर्षक भी है। लेकिन व्यावहारिक धरातल पर यह कितना संभव होगा इस पर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता।

जब शीला से पूछा गया कि क्यास कांग्रेस को मोदी से सीख लेने की जरूरत है तो उन्हों ने कहा कि इस पर विचार करने का वक्त अभी नहीं आया है। शीला ने कहा, ‘इसके लिए थोड़ा इंतजार और आकलन करना होगा। अभी उनके जैसा कुछ करने की कोशिश समय से पहले उठाया जाने वाला कदम साबित होगा। वह नई राजनीतिक भाषा शैली में बहुत सी चीजों का वादा कर रहे हैं, लेकिन अभी देखना होगा कि उनके वादों का आखिरकार क्या होता है।

शीला ने माना कि अन्ना हजारे, अरविंद केजरीवाल और रामदेव ने कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाया लेकिन पार्टी उनके आंदोलनों की अहमियत समझ नहीं पाई।

सोनिया और राहुल गांधी के कम बोलने के सवाल पर शीला ने कहा, ‘इंदिरा गांधी और राजीव गांधी भी कम बोलते थे लेकिन काम करते थे। मैं मानती हूं कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हमारे प्रति निष्पक्ष नहीं था।