बिहार, सहरसा : ये समाज अपने निकृष्टतम स्वरूप को प्राप्त कर चुका है। सड़ी-गली ईज्जत, झूठे दंभ और बेकार शानो-शौकत मे एक लड़की की मौत इसके लिए आम बात है। उसमें भी यदि लड़की ऑर्केस्ट्रा मे नाचने वाली हो और ‘पियवा से पहिले हमार रहलू…’ गाने पर नाचते वक्त...

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