जानिए, नोटबंदी को लेकर क्या है अफवाह और क्या है सच्चाई ..
- November 21, 2016
- By आज की आवाज़ टीम
- in मुख्य ख़बरें, राष्ट्र
नई दिल्ली : देश में नोटबंदी के बाद मार्केट में तरह-तरह के अफवाह फैलाए जा रहे हैं। कोई कह रहा है कि 50-100 के नोट भी बंद होने वाले हैं तो कोई कह रहा है कि सरकार 2000 के नोटों को वापस दोबारा छापेगी। आइए जानते हैं कुछ अफवाह और उनकी सच्चाई
अफवाह: 2000 के नोट की कलर फोटो कॉपी सर्कूलेट होने की बात की जा रही है जिसे अभी देखा नहीं गया है
सच्चाई- 2000 के नोट को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए मीडिया में विज्ञापन जारी किया गया है। 2000 के नोट की डिजाइन RBI और वित्त मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
अफवाह: कॉपरेटिव (राज्य सहकारी) बैंक कालेधन को सफेद कर रहे हैं
सच्चाई – राज्य सहकारी बैंक और शहरी सहकारी बैंक की निगरानी भारतीय रिजर्व बैंक आॅफ इंडिया कर रहा है। उनको पूराने नोटों की लेन-देन का अधिकार दिया गया है। इन बैंकों द्वारा कोई भी गड़बड़ी की जाती है तो उसकी जांच की जाएगी और उसके सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं।
अफवाह: बैंक कर्मचारियों द्वारा अमीर लोगों के पैसे को बदलने के लिए लोगों के आई कार्ड का दुरुपयोग किया जा रहा है।
सच्चाई- सभी बैंकों में अपेक्षित निगरानी तंत्र है। अगर कोई ऐसा करते हुए पाया गया तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अफवाह: सरकार सभी भूमि रिकॉर्ड को डीमैट पारूप में पेश करने जा रही है, जिससे सभी कागजी रिकाॅर्ड बेकार हो जाएंगे
सच्चाई- सरकार द्वारा भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण किया जा रहा है। जिसके लिए लोगों प्रुफ देना होगा। यह एक सतत प्रक्रिया है। सरकार डिजिटलीकरण का लगातार समर्थन कर रही है।
अफवाह:अगर ऊंगली पर अमिट स्याही लगाई जाती है, तो लंबे समय तक बैंक से पैसा नहीं निकाल सकते।
सच्चाई- नोटों को बदलने के लिए एक ही व्यक्ति बार-बार बैंक आ रहा है जिसे रोकने के लिए अमिट स्याही का उपयोग किया जा रहा है। ताकि बैंक अधिक लोगों को अपनी सेवा प्रदान कर सकें।
अफवाह: सरकार ने उस आदेश को चुपचाप वापस ले लिया है, जिससे किसान और जिनके घर में शादी है वे लोग अधिक मात्रा में पैसे निकाल सकते थे।
सच्चाई- किसानों और शादियों के लिए दी गई छूट में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। केवल अधिसूचना में कुछ गड़बड़ी है जिसे तकनीकि सुधार करने के बाद जारी कर किया जाएगा।