भारतेंदु हरिश्चंद्र को हिंदी साहित्य में आधुनिकता का प्रवर्तक माना जाता है. भारतेंदु स्वयं एक बहुत बड़े नाटककार भी थे. उन्होंने अपने नाटक के माध्यम से देश में व्याप्त अनेकों समस्याओं को देश वासियों से समक्ष प्रस्तुत किया. ‘अंधेर नगरी’ उनका सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्यंग्य-नाटक है, जो सत्ता की विवेकहीनता...

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प्रेम, सौंदर्य, देशप्रेम, रहस्यानुभूति, दर्शन, प्रकृति-चित्रण, धर्म आदि विविध विषयों को अपनी विविध साहित्यिक रचनाओं के माध्यम से पाठकों तक पहुँचाने वाले जयशंकर प्रसाद का समग्र साहित्य प्राचीन भारतीय संस्कृति की गौरव और गरिमा के साथ-साथ भारतीय जीवन मूल्य का बहुमूल्य दस्तावेज है। नाटक के क्षेत्र में उन्होंने कई...

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