सिडनी में बंधक संकट हुआ खत्म, कैफे में फंसे भारतीयों समेत बंधकों को बाहर निकाला गया

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ऑस्ट्रेलिया के प्रमुख शहर सिडनी के मार्टिन प्लेस स्थित एक कैफे में 17 घंटों तक चला बंधक संकट आखिरकार खत्म हो गया है। न्यू साउथ वेल्स(एनएसडबल्यू) पुलिस ने ऑपरेशन खत्म होने और बंधकों को बाहर निकालने की पुष्टि की है। ऑपरेशन के दौरान बंधक बनाने वाले आतंकी हारुन मोनीस समेत 3 लोगों की मौत हो गई है। जबकि 4 लोग गंभीर रूप से घायल हैं।

पुलिस ने बंधकों को बाहर निकालने के लिए शुरू किए ऑपरेशन के दौरान कैफे के अंदर बम डिटेक्शन रोबोट को भेजा था। ऑपरेशन खत्म होने के बाद कुछ बंधकों को स्ट्रेचर से बाहर निकाला गया। कैफे में फंसे बंधकों में दो भारतीय भी थे जिनमें से एक इंफोसिस कंपनी के कर्मचारी विश्वकांत अंकी रेड्डी और दूसरे पुष्पेंद्र घोष थे। मरने वालों में से एक आतंकी हारुन भी शामिल था। आतंकी हारुन मोनीस ईरानी मूल का बताया जा रहा है। यह शख्स 1996 में ईरान से आकर सिडनी में बस गया था।

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया के शहर सिडनी में मार्टिन प्लेस नामक जगह पर एक चॉकलेट कैफे के भीतर एक हथियारबंद आतंकवादी ने कई लोगों को बंधक बना लिया था। बंदूकधारी ने महिलाओं को ढाल बनाकर अपना बचाव करने की कोशिश की। कैफे में लोगों को बंधक बनाने वाले बंदूकधारी ने ऑस्ट्रेलियाई पीएम टोनी एबॉट से बात करने की मांग रखी थी। उसने IS का झंडा मिलने पर एक बंधक को छोड़ने की बात भी कही थी।

सोमवार दोपहर 5 लोग कैफे से सुरक्षिोत निकलने में कामयाब रहे थे। इनमें 2 महिलाएं और 3 पुरुष शामिल थीं। इंफोसिस ने बयान जारी कर बताया था कि उसका एक कर्मचारी भी बंधकों में शामिल है। हालांकि दूसरे भारतीय के कैफे में फंसने के बारे में बाद में पता चल पाया।

भारतीय विदेश मंत्रालय ने बताया है कि सिडनी में भारतीय वाणिज्य दूतावास खाली कराया गया है और सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं। बीसीसीआई ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गए भारतीय क्रिकेटरों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सोमवार सुबह इस घटना पर चिंता जताई थी। पीएम मोदी ने ट्विटर पर कहा, इस दुख की घड़ी में हम ऑस्ट्रेलिया के साथ हैं।