कोरोना संकट के बीच भी घुसपैठ की साजिश में पाकिस्तान, 230 आतंकवादी सीमा के अन्दर घुसने को बैठे हैं तैयार : खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट

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नई दिल्ली : कोरोना वायरस से दुनिया परेशान है और खुद पाकिस्तान भी लेकिन इन हालात में भी वो जम्मू कश्मीर के रास्ते भारत में आतंकियों की घुसपैठ की साजिशें कर रहा है। भारतीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट है कि सीमा पर लश्कर ए तय्यबा, जैश ए मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन के 230 आतंकवादी लॉन्च पैड पर इस फिराक में बैठे हैं कि कब एलओसी और इंटरनेशनल बॉर्डर को लांघ सकें।

जम्मू कश्मीर में भी कोरोना के 158 मरीज मिले हैं जिनमें 4 की मौत भी हुई है। इस समय राज्य में पुलिस और सुरक्षा बल के जवान लॉकडाउन, जांच, क्वारंटाइन, इलाज जैसे काम में प्रशासन की मदद में जुटे हैं। पाकिस्तान में भी 4414 मरीज मिले हैं और 63 की जान जा चुकी है।

कुपवाड़ा में रविवार को आतंकियों से आमने-सामने की लड़ाई में पांच आतंकवादी मारे गए और उनसे हैंड-टू-हैंड संघर्ष में भारतीय सेना के स्पेशल कमांडो दस्ते के पांच जवान भी शहीद हो गए थे। जम्मू कश्मीर पुलिस चीफ दिलबाग सिंह ने एचटी से बताया कि टेरर लॉन्च पैड पर बहुत आतंकी घुसपैठ की फिराक में बैठे हैं। खुफिया सूत्रों के मुताबिक कश्मीर घाटी में एलओसी क्रॉस करने के लिए एलईटी, जेईएम और एचएम के करीब 160 आतंकवादी तैयार बैठे हैं। जम्मू सेक्टर में लगभग 70 आतंकवादी इंटरनेशनल बॉर्डर के उस पार नदी और नालों के रास्ते घुसने की तैयारी में हैं।

सूत्रों के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी समानी-भिंबर और दुधनियाल लॉन्च पैड पर कैंप कर रहे हैं और पहले मौके की तलाश में हैं जब वो घुसपैठ कर सकें। इसी तरह लश्कर ए तय्यबा के आतंकवादी लीपा और केल लॉन्च पैड पर जमा हैं। जैश ए मोहम्मद ने सियालकोट सेक्टर में सीमा पर टेरर ग्रुप जुटाए हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक 2019 में एलओसी और आईबी के रास्ते घुसपैठ की 133 वारदातें हुई थीं और ज्यादातर अप्रैल से सितंबर के बीच में हुईं। इस साल जनवरी और फरवरी में सुरक्षा बलों ने 48 आतंकियों और उनके मददगारों को गिरफ्तार कर लिया जबकि 24 आतंकियों को मार गिराया।

कुपवाड़ा में 5 अप्रैल को घुसपैठ की कोशिश में पांच आतंकियों की मौत और पांच जवानों की शहादत को सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों की बड़ी तैयारी का एक हिस्सा मान रही हैं। सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट है कि पाकिस्तानी सेना जैश, लश्कर और हिजबुल के अलावा पीओके के सियालकोट, पंजाब और कोटली सेक्टर में हरकत उल जिहाद ए इस्लामी हुजी को फिर से सक्रिय करने की कोशिश कर रही है।