पूर्वोत्तर भारत में मौसम ने मचाया कहर, उफान पर नदियां

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नई दिल्ली : देश के अलग-अलग हिस्सों में मौसम का अजब रूप देखने को मिल रहा है। कहीं बिल्कुल सूखा पड़ा है, तो कहीं इतनी बारिश हो रही है कि नदियां उफान पर आ गई हैं।

वहीं उत्तर भारत के कुछ राज्यों में आसमान पर धूल का गुब्बार भी छाया हुआ है। इन सबके बीच पूर्वोत्तर राज्यों में बुरा हाल है। मणिपुर और असम के कई जिलों में नदियां उफान पर हैं जिस वजह से बाढ़ का पानी भर गया है। यहां भारतीय सेना लोगों के बीच पहुंची है। अब तक अकेले मणिपुर में सेना ने बाढ़ में फंसे 430 लोगों की जान बचाकर उन्हें सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया है।

पूर्वोत्तर में पिछले तीन दिनों में भयंकर वर्षा से भारी नुकसान पहुंचा है। त्रिपुरा, मणिपुर, मिजोरम और असम में बाढ़ के कारण हजारों लोग बेघर हो गए हैं। असम के कई इलाकों में बाढ़ के हालात बन गए हैं। हैलाकांडी जिले में हजारों लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं। यहां एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को राहत और बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है। असम में भारी वर्षा के बाद भूस्खलन होने से ट्रेन सेवाएं बाधित हो गई। वैसे कोई हताहत नहीं हुआ है।

त्रिपुरा के हालात ज्यादा गंभीर हैं। त्रिपुरा में दो दिन पहले दो लोग नदी की तेज धारा में बह गए। 14,000 लोग बेघर हो गए और यहां भारी वर्षा से राज्य के कई हिस्से पानी में डूब गए हैं। मणिपुर में राज्य सरकार ने इंफाल और उसके आसपास के जिलों में बाढ़ की वजह से सभी शिक्षण एवं सरकारी प्रतिष्ठानों में अगले आदेश तक छुट्टी घोषित कर दी है। बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद के लिए राज्य में 15 राहत शिविर स्थापित किये गए हैं। पूर्वी इंफाल और पश्चिमी इंफाल जिलों के इरोंग, मैबाम, उचिवा, अर्पाति, कियामगेई और मौंगजाम गांव में सेना ने राहत और बचाव अभियान चलाकर बाढ़ में फंसे 430 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को राज्य की गंभीर स्थिति से अवगत कराया। मिजोरम के कई हिस्सों में भारी वर्षा जारी रही जिससे लुंगली, लावंगतलाई और सियाहा जिलों का देश के बाकी हिस्सों से संपर्क कट गया है। मिजोरम-राष्ट्रीय राजमार्ग 54 और थेंजवाल से गुजरती एक अन्य सड़क रात के भूस्खलनों के बाद बंद कर दी गई। बाढ़ प्रभावित राज्यों ने लोगों को बचाकर निकालने और उन्हें सुरक्षित स्थानों एवं राहत शिविरों में पहुंचाने के लिए आपदा प्रबंधन टीमों को लगाया है।