नरेंद्र मोदी पर कानून का उल्लंघन करने का आरोप में 2 एफआईआर दर्ज

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kamalअहमदाबाद:  नरेंद्र मोदी के खिलाफ अहमदाबाद में 2 एफआईआर दर्ज की गई है। चुनाव आयोग के निर्देश पर मोदी के खिलाफ जनप्रतिनिधित्वo कानून के उल्लंमघन का मामला दर्ज किया गया। मोदी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लं घन का आरोप है। कुछ टीवी चैनलों के खिलाफ भी शिकायत दर्ज की गई है। मामले की जांच अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच करेगी।

एक मतदान केंद्र में वोट डालने के बाद भाजपा का चुनाव चिह्न दिखाते हुए भाषण देना मोदी को महंगा पड़ गया। चुनाव आयोग के आदेश पर गुजरात पुलिस ने राज्य के मुख्यमंत्री मोदी के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है।

पुलिस ने यह कार्रवाई तब की जब मोदी द्वारा उन निर्वाचन कानूनों के उल्लंघन को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया जिनके तहत कोई भी शख्स चुनाव के दिन न तो कोई चुनावी मामला दिखा सकता है और न ही मतदान केंद्र में किसी सभा को संबोधित कर सकता है। आयोग के आदेश पर मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। आयोग के आदेश के तुरंत बाद अहमदाबाद में अपराध शाखा पुलिस ने मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की। मोदी के खिलाफ प्राथमिकी इस वजह से दर्ज हुई है क्योंकि आज सुबह गांधीनगर में अपना वोट डालने के बाद उन्होंने अपनी पार्टी का चुनाव चिह्न ‘कमल’ दिखाते हुए भाषण दिया।

इससे पहले प्राथमिकी दर्ज करने के बारे में चुनाव आयोग के आदेश में कहा गया कि नरेंद्र मोदी ने जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 126 (1) (a) तथा 126 (1) (b) का उल्लंघन किया है. इस कानून के इन प्रावधानों के तहत अधिकतम दो साल की कैद का प्रावधान है। अहमदाबाद के पुलिस आयुक्त शिवानंद झा ने कहा, ‘हमने चुनाव आयोग के आदेश का पालन किया और रिपोर्ट भेज दी।

आदेश में कहा गया, ‘लिहाजा, आयोग निर्देश देता है…नरेंद्र मोदी तथा उक्त सभा को आयोजित करने में शामिल रहे सभी लोगों के खिलाफ शिकायत या प्राथमिकी, जैसा भी मामला हो, दर्ज की जानी चाहिए।’ आयोग ने गुजरात के मुख्य सचिव और डीजीपी से शाम 6 बजे तक अनुपालन रिपोर्ट तलब की थी।

गुजरात के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पीसी ठाकुर ने बताया, ‘इस मामले में शहर की अपराध शाखा ने दो प्राथमिकी दर्ज की है।’ एक प्राथमिकी उन टीवी चैनलों के खिलाफ दर्ज की गई है जिन्होंने संवाददाता सम्मेलन का प्रसारण किया था। अपराध शाखा के सूत्रों ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देश के मुताबिक जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के तहत प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।

जिन धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है, उसमें कसूरवार पाए जाने पर दो साल तक की जेल की सजा हो सकती है। मोदी ने उस वक्त विवाद को जन्म दे दिया जब उन्होंने अपना वोट डालने के तुरंत बाद अपनी पार्टी का ‘कमल’ निशान हाथ में दिखाकर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया और भाजपा के लिए खुलेआम वोट मांगे। यह घटना गांधीनगर सीट के तहत अहमदाबाद के रानिप इलाके के एक मतदान केंद्र पर हुई। गांधीनगर सीट से लालकृष्ण आडवाणी भाजपा के उम्मीदवार हैं।

इस घटना से क्रोधित कांग्रेस ने मोदी पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई और उनकी अयोग्यता सहित कार्रवाई की मांग की। अन्य पार्टियों ने भी मोदी पर हमला किया। आम आदमी पार्टी (आप) ने तो मोदी को ‘आदतन अपराधी’ करार दे दिया। शिकायत मिलने के तुरंत बाद हरकत में आए आयोग ने गुजरात के शीर्ष अधिकारियों को मुख्यमंत्री मोदी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश दिए।

मोदी पर विरोधियों द्वारा किए जा रहे हमलों के बीच भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली में जोर देकर कहा कि मोदी ने ‘चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है। संवाददाता सम्मेलन आयोजित नहीं किया गया था।’ बहरहाल, लेखी ने कहा, ‘चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और हम उसका आदर करते हैं। हम उसके निर्णयों का पालन करेंगे।’

धारा 126 :1: :ए: और :बी: के मुताबिक, मतदान संपन्न होने से पहले की 48 घंटे की अवधि के दौरान जनसभाओं पर पाबंदी होती है। इसके मुताबिक, ‘कोई भी व्यक्ति (अ) किसी चुनाव के सिलसिले में न तो कोई जनसभा आयोजित करेगा, न जनसभा में शामिल होगा और न ही उसे संबोधित करेगा। (ब) सिनेमेटोग्राफ, टेलीविजन या ऐसे ही किसी अन्य उपकरण के जरिये भी किसी चुनावी मामले को नहीं दिखाया जाएगा।’

शाम के समय उप-चुनाव आयुक्त विनोद जुत्शी ने दिल्ली में कहा कि गुजरात सरकार ने चुनाव आयोग को अपनी अनुपालन रिपोर्ट भेजी है। इसी के साथ कांग्रेस ने तुरंत चुनाव आयोग का रुख किया और मोदी पर आदर्श आचार संहिता के सरासर उल्लंघन का आरोप लगाया।

दिल्ली में सवालों के जवाब देते हुए भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने जोर देकर कहा कि मोदी ने ‘चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया है। संवाददाता सम्मेलन आयोजित नहीं किया गया था।’ बहरहाल, लेखी ने कहा, ‘चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है और हम उसका आदर करते हैं। हम उसके आदेशों का पालन करेंगे।’

यूं तो वोट डालने के बाद नेताओं द्वारा संक्षिप्त बयान देना एक चलन है पर मोदी ने वोट डालने के बाद एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर अपने राजनीतिक विरोधियों को नाराज कर दिया। संवाददाता सम्मेलन के दौरान मोदी ने न सिर्फ मतदाताओं से भाजपा के लिए वोट देने की अपील की बल्कि कांग्रेस के खिलाफ भी हमला बोला। मोदी ने वोट की स्याही लगी अपनी अंगुली और ‘कमल’ का निशान दिखाते हुए अपने मोबाइल फोन से तस्वीर भी ली।

कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बीजेपी के पीएम उम्मीलदवार पर चुनाव आचार संहिता उल्लंइघन करने का आरोप लगाया। कांग्रेस ने तो मोदी का नामांकन खारिज किए जाने तक की मांग कर डाली है। कांग्रेस प्रवक्ता  मीम अफजल ने इस मुद्दे को उठाते हुए कहा, ‘मोदी समझते हैं कि देश में कानून नाम की कोई चीज नहीं है। हमने चुनाव आयोग से शिकायत की है। हमने मांग की है कि मोदी का दोनों लोकसभा सीटों (वाराणसी और वडोदरा) से नामांकन खारिज किया जाना चाहिए जहां से वो चुनाव लड़ रहे हैं।