करगिल शहीद विक्रम पर हो रही राजनीति

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vikनई दिल्ली : चुनावी मौसम में हर नेता आम जनता से खुद को जोड़ने के लिए तमाम हथकंडे अपना रहे हैं। मंगलवार को बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी जब हिमाचल प्रदेश के पालमपुर पहुंचे तो अपनी रैली में शहीद विक्रम बत्रा का नाम लेकर लोगों से जज्बाती रिश्ता बनाने की कोशिश की।

  वहीं शहीद विक्रम के परिवार ने मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि उनके बेटे का नाम राजनीति में न घसीटा जाए।

रैली के दौरान नरेंद्र मोदी ने पालमपुर में मंगलवार की सुबह एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि, ‘”विक्रम बत्रा ने देश के लिए जान दी… उसने कहा था, ये दिल मांगे मोर… मैं भी यही कहता हूं… मैं हिमाचल प्रदेश की चारों सीटें चाहता हूं… मैं देशभर में 300 कमल देखना चाहता हूं।  

उन्होंने कहा कि मैं देश को गड्ढ़े से बाहर निकाल कर फिर से सही रास्ते पर लाना चाहता हूं। 1999 करगिल लड़ाई लड़ने वाले विक्रम बत्रा को परम वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।  मोदी ने पहले परम वीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा का भी जिक्र अपने भाषण में किया।

शहीद विक्रम बत्रा की मां कमल कांत बत्रा हमीरपुर से चुनावी क्षेत्र से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही है।  वहीं विक्रम के पिता जीएल बत्रा ने कहा, ‘राजनीति में शहीदों का नाम घसीटना सही नहीं है। अगर वो (मोदी) शहीदों के इतने ही आभारी हैं तो इस चुनावी क्षेत्र से उन्हें विक्रम की मां के खिलाफ अपना उम्मीदवार हटा लेना चाहिए।

वहीं दूसरी और बीजेपी की मीनाक्षी लेखी ने इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा, ‘उनकी (शहीद विक्रम) मां को आम आदमी पार्टी की जगह बीजेपी में शामिल होना चाहिए था।  ‘शहीद’ शब्द का नाम सम्मान के लिए होता है। और इसे कोई भी इस्तेमाल कर सकता है इस पर किसी का कॉपीराइट नहीं है।

पालमपुर में अपनी चुनावी रैली के दौरान नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, कांग्रेस ने 2009 के अपने घोषणा पत्र में कहा था कि वो 100 दिनों के अंदर महंगाई कम करेंगे। लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो ये धोखा पत्र ही था. कांग्रेस धोखेबाज थी।

नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘करगिल शहीद विक्रम बत्रा और उनके परिजनों को लेकर मेरे दिल में बेदह सम्मान है। मैं शहीदों की गरिमा को चोट पहुंचाने की बजाए राजनीति छोड़ दूंगा।

नरेंद्र मोदी के इस नारे से कैप्टन विक्रम बत्रा के परिजन खुश नहीं हैं। शहीद कैप्टन के पिता जीएल बत्रा ने कहा, भारतीय जनता पार्टी को उसका (कैप्टन विक्रम बत्रा का) नाम राजनीति में नहीं घसीटना चाहिए।

गौरतलब है कि देश के सर्वोच्च युद्ध सम्मान परमवीर चक्र से मरणोपरांत सम्मानित किए गए कैप्टन विक्रम बत्रा का जन्म पालमपुर में ही हुआ था, और वर्ष 1999 में करगिल युद्ध के दौरान शहीद होने से पहले कैप्टन बत्रा ने एनडीटीवी से बातचीत के दौरान एक विज्ञापन की इस पंक्ति ‘ये दिल मांगे मोर’ का इस्तेमाल किया था।