चारा घोटाल मामले में लालू यादव दोषी करार

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laluचारा घोटाला के एक मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव को आज सभी 45 आरोपियों को दोषी करार दिया है। सात दोषियों को तीन-तीन साल

की सजा सुनाई गई है, जबकि लालू और जगन्नाथ मिश्रा समेत 38 लोगों की सजा की अवधि का ऐलान 3 अक्टूबर को होगा।

 

यह मामला 1996 में चाईबासा के सरकारी खज़ाने से 37 करोड़ 70 लाख रुपये से भी ज़्यादा की लूट का है। तब बिना सप्लाई के पैसों का भुगतान कर दिया गया था। पिछले 17 साल से यह मामला चल रहा था। इस मामले आरोपी सभी 45 लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दिया है।

कुछ दोषियों को आज ही सजा का ऐलान कर दिया गया है। पूर्व बीजेपी विधायक ध्रुव भगत और विद्या सागर निषाद को तीन-तीन साल की कैद की सजा सुनाई गई है। कुल सात आरोपियों को आज ही सजा का ऐलान कर दिया गया जिनमें से कुछ को जमानत भी दे दी गई।

आज चारा घोटाले मामले में लालू के दोषी करार दिए जाने के साथ ही उनके राजनीतिक भविष्य खत्म होने की अटकलें शुरू हो गई हैं। लालू के राजनीतिक सफर पर विराम लग गया है। अब यह तय हो गया है कि लालू यादव की संसद सदस्यता खत्म हो जाएगी और संभावना इस बात की है कि वह अगला चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। उन पर आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 437 , और 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया था।

भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत भी लालू पर केस दर्ज किया गया था। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि लालू के जेल जाने की स्थिति में उनकी पार्टी बिखर जाएगी। हालांकिए खुद आरजेडी सुप्रीम संकेत दे चुके हैं कि उनकी गैरमौजूदगी में उनके बेटे पार्टी का नेतृत्व करेंगे।

दोषी करा दिए जाने के बाद कोर्ट में आज से ही सजा पर बहस आरंभ हो गई है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि 3 अक्टूबर को लालू को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ही सजा सुनाई जाएगी। सूत्रों का कहना है कि फिलहाल सभी दोषियों को न्यायिक हिरासत में ले लिया जाएगा और आज ही रांची की जेल में भेज दिया जाएगा।

दोषी करा दिए जाने के बाद लालू को अब कम से कम तीन और ज्यादा से ज्यादा सात साल की सजा हो सकती है। इस मामले में आज लालू प्रसाद के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्राए पूर्व मंत्री विद्या सागर निषाद, सांसद जगदीश शर्मा और पूर्व सांसद आरके राणा समेत कई रिटायर्ड आईएएस अधिकारियों के भाग्य का भी फ़ैसला हो गया। कोर्ट सभी को दोषी करार दिया है।

आज के फैसले के बाद भले ही लालू राजनीति ना कर पाएं लेकिन उन्हें लेकर राजनीति शुरू हो गई है और हमेशा चलती भी रहेगी। इसके के साथ बीजेपी ने तो अभी से हल्लाबोल दिया है और दागी नेताओं को बचानेवाले अध्यादेश के बहाने कांग्रेस पर भी वार किया है।