गर्भपात कानून: HC ने दिया मेडिकल बोर्ड के गठन का आदेश

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नई दिल्ली : एक 15 साल की नाबालिग रेप पीड़िता ने अपने 24 हफ्ते के गर्भ को गिराने के लिए हाईकोर्ट मे याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने नाबालिग की याचिका को स्वीकार करते हुए 3 डॉक्टरों का एक मेडिकल बोर्ड बनाने के आदेश दिए हैं, जिसमें एक मनोचिकित्सक भी शामिल होगा। डॉक्टरों और मनोचिकित्सक का पैनल कोर्ट को सोमवार तक ये रिपोर्ट देगा कि क्या अबॉर्शन के लिए ये नाबालिक शारीरिक और मानसिक रूप से गर्भ गिराने की हालत में है या नहीं।

डॉक्टरों की रिपोर्ट के आधार पर ही ये तय होगा कि 15 साल की इस नाबालिग रेप पीड़िता को गर्भ गिराने की इजाजत कोर्ट देगा या नहीं। कोर्ट का फैसला इस मामले में बेहद अहम होगा क्योंकि अगर इजाजत मिलती है तो नाबलिग लड़की की जान को खतरा हो सकता है और अगर नहीं मिली तो लड़की के अपने भविष्य को लेकर कई सवाल खड़े हो सकते हैं।

दरअसल हमारा कानून 20 हफ्ते से ऊपर गर्भ गिराने की इजाजत नहीं देता। ये गैर कानूनी है। क्योंकि 20 हफ्ते के बाद गर्भ गिरना मां के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। लेकिन इसका दूसरा पक्ष ये भी है कि ये लड़की न सिर्फ नाबालिग है बल्कि रेप पीड़िता भी है। बड़ा सवाल ये भी है कि क्या एक 15 साल की नाबालिग ये तय कर सकती है कि वो मां बनना चाहती है या नहीं?

हालांकि सुप्रीम कोर्ट में भी हाल ही में 20 हफ्ते से ऊपर के गर्भ को गिराने के लिए एक महिला ने याचिका दायर की है। सुप्रीम कोर्ट फिलहाल इस मामले में समीक्षा कर रहा है।

आपको बटन दे कि कानून के मुताबिक भारत में लड़कियों के लिए शादी की कानूनी उम्र 18 साल है। लिहाजा 15 साल की उम्र में बच्चा पैदा करना या गर्भ गिरने के फैसले को लेकर एक नई बहस छिड़ सकती है।