प्रदूषण रोकने में दिल्ली सरकार नाकाम, NGT ने लगाया करोड़ो का जुर्माना

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नई दिल्ली : दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्रदूषण और स्मॅाग का खतरा अभी भी टला नहीं है। बता दें, पिछले दो दिनों से एक बार फिर दिल्ली में वायु की गुणवत्ता खराब देखने को मिल रही है। दरअसल इसके पीछे की वजह राजधानी दिल्ली में बादल छाए रहना और तापमान में गिरावट है, जिसके कारण दिल्ली-एनसीआर में इनवर्जन लेयर बन रही है और ये प्रदूषक तत्व के बढ़ाने में मदद कर रहे हैं।

वहीं देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त हो चुका है और वायु प्रदूषण संबंधी शिकायतों के निपटारे में नाकाम रहने पर दक्षिण और पूर्व दिल्ली नगर निगम को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। इसके अलावा राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण प्रदूषण ने हवा को जहरीली होने से रोकने में नाकाम रहने पर दिल्ली की सरकार पर 25 करोड़ का जुर्माना लगाया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि 25 करोड़ रुपये की यह रकम सरकारी खजाने से नहीं वसूली जाएगी बल्कि इस रकम को दिल्ली सरकार के अधिकारियों की सैलरी और प्रदूषण फैलाने वाले लोगों से वसूला जाएगा।

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आपको बता दें कि आज दिल्ली में वायु की गुणवत्ता सूचकांक का स्तर 272 दर्ज किया गया। वहीं दिल्ली और आसपास के इलाके में हवा में आज पीएम 2.5 का स्तर 249 रहा। इसके अलावा Delhi एनसीआर के अलावा गुरुग्राम की भी स्थिती चिंताजनक है। आज गुरुग्राम में सेंटर पॅाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा तय किए गए अनुपालन रिकॅार्ड में Delhi का स्कोर 3.9 पाया। इसके अलावा नोएडा का रिकॉर्ड 7.3 दर्ज किया गया। इसको ध्यान में रखते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड यानी CPCB ने दिल्ली-एनसीआर के कुछ जगहों पर कंस्ट्रक्शन ऐक्टिविटीज पर रोक लगा दिए हैं। इसके अलावा कोल एवं बायोगैस से चलने वाली इंडस्ट्रीज को बंद रखने के लिए बोला गया हैं।

जानकारी देते हुए पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण यानी EPCA ने कहा कि पिछले दो सालों से नवंबर और दिसंबर माह में दिल्ली गैस चैंबर बनी रहती है। वहीं प्रदूषण को कम और समान स्तर पर रखने के लिए कुछ और भी सुझाव दिए गए हैं। जैसे ट्रैफिक और ट्रांसपोर्ट विभाग प्रदूषण से जुड़े मामलों की सघन जांच करे। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों की सख्ती से जांच हो। इसके अलावा लोगों को सुझाव दिया जाए कि वह यात्रा कम करें। प्राइवेट गाड़ियों की जगह सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करें।