दृष्टिहिन भी कर सकेंगे इंटरनेट पर काम, HBTI ने बनाया अनोखा सोफ्टवेयर

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hbtiकानपुर। आँखों से लाचार दृष्टीहिन् छात्र-छात्राए अब आसानी ने इंटरनेट पर काम कर सकेंगे, वो भी बिना किसी के सहयोग के, ये काम किया है कानपुर के एच बी टी आई यानी हरकोर्ट बटलर टेक्नीकल इंस्टीटयूट ने। जी हां एचबीटीआई ने एक वक्ता नाम से सोफ्टवेयर तैयार किया है, जिसकी सहायता से दृष्टिहिन् आसानी से इंटरनेट पर काम कर सकते है।

कानपुर एच बी टी आई के कंप्यूटर डिपार्टमेंट की सहायता से दृष्टिहिन् अब इंटरनेट की सहायता से ई-मेल भेज सकते है, रेलवे टिकट की बुकिंग खुद कर सकते है, साथ ही ऑनलाइन फ़ार्म भी भर सकते है, जी हां करीब चार साल की कड़ी मशक्कत के बाद एच बी टी आई ने एक वक्ता नाम से सोफ्टवेयर बनाया है, जो दृष्टिहिनो को इंटरनेट एक्सेस में सहायता करेगी।

इस सोफ्टवेयर की सहायता से दृष्टिहिन् लोग कंप्यूटर के सामने बैठकर जैसे ही इंटरनेट बोलेंगे इंटरनेट खुद ब खुद खुल जाएगा, जिस वेब साईट पर काम करना है उस वेब साईट का नाम लेने से वो वेब साईट खुल जाएगा, मतलब आवाज़ करने पर ये सॉफ्टवेयर काम करेगा, और अंधजन जिस वेव साईट पर जाना चाहे जा सकते है, इतना ही नहीं वेब साईट खुलने के बाद सॉफ्टवेयर एक रीडर की तरह का करेगा, वो खुलने वाले हर साईट के कंटेंट को जो वेबसाईट पर लिखा होगा उसे पढ़ता जाएगा ये कहना है कानपुर एच बी टी आई के प्रो रघुराज सिंह का, जो यहाँ कंप्यूटर साइंस डिपार्टमेंट में हेड है।

इनके मुताबिक़ करीब चार साल पहले यूं जी सी ने एच बी टी आई को इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का काम सौप था, जिसके लिए करीब नौ लाख रुपये का फंड भी दिया था, पहले तो इसके लिए की-बोर्ड को ब्रेल बनाने की योजना थी, मगर वो सफल नहीं हो पायीए इसके बाद की-बोर्ड में हर अक्षर या सिम्बल को दबाने पर सोफ्टवेयर अक्षर और सिम्बल को बोलता थाए मगर उसमे भी कुछ खामिया मिलीए जिसके बाद दृष्टिहिनो के लिए भी वही की.बोर्ड रखा गया जो सभी इस्तेमाल करते है, बस इसमें सिम्बलो के लिए सोफ्टवेयर पर कुछ ख़ास तरीके से कोडिंग की गयी है, जिसको क्लिक करते ही वो सिम्बल दृष्टिहिनो के मुताबिक़ काम करेगा।

तैयार हो चुके इस सॉफ्टवेयर को देहरादून की नेशनल इंस्टीटयूट फॉर द विसुअली हैंडीकैप ने भी पास कर दिया है, उस इंस्टीटयूट ने भी माना कि वक्ता सॉफ्टवेयर अन्धजनो के लिए काफी उपयोगी साबित होगाए फिलहाल एच बी टी आई ने सॉफ्टवेयर को यूं जी सी के सुपुर्द कर दिया है, हांलाकि एच बी टी आई ने इसके प्रचार प्रसार के अभी इस सॉफ्टवेयर को मुफ्त उपलब्ध करा रहा है।