आधार कार्ड का कमाल- बिहार में पकड़े गए 14.5 लाख फर्जी दाखिले

Like this content? Keep in touch through Facebook

पटना, बिहार : फर्जी नामांकन करवाकर कई सालों से योजना राशि की निकासी हो रही थी। यह खुलासा तब हुआ जब आधार नंबर से स्कूली बच्चों को जोड़ा गया। इसमें पता चला कि हजारों बच्चे स्कूल में नामांकित ही नहीं हैं। इनका नाम केवल स्कूल की उपस्थिति पंजी में डाल दिया गया और हर दिन उपस्थिति बना दी जाती है।

ऐसे एक नहीं बल्कि 14 लाख 52 हजार 462 फर्जी नामांकन पकड़ में आये हैं। ज्ञात हो कि 2015-16 में प्रदेश भर में एक से आठवीं तक 2 करोड़ 14 लाख 48 हजार 70 नामांकन हुए। लेकिन जब आधार नंबर से इन्हें जोड़ा गया तो 14 लाख 52 हजार 472 नामांकन कम हो गए। यानी 2016-17 में कुल नामांकन केवल 1 करोड़ 99 लाख 95 हजार 608 ही हो पाये हैं। आरटीई कार्यकर्ता शिवप्रकाश राय ने बताया कि एक से आठवीं तक के नामांकन में आधार नंबर जोड़ने के बाद फर्जी नामांकन पकड़ में आये हैं।

ज्योति कुमार (डीईओ, पटना) ने कहा- गड़बड़ी हुई है। इस कारण पूरी जांच के बाद ही इस बार योजना की राशि की निकासी कर रहे हैं। अब ऐसी गड़बड़ी न हो, इसके लिए हर प्राचार्य से इस बार शपथपत्र भरवाया जा रहा है।

खाता खोलने के लिए बना आधार
राज्य सरकार द्वारा पिछले दो सालों से हर बच्चे का खाता खुलवाने की प्रक्रिया शुरू की गई। इसके लिए सारे बच्चों का आधार नंबर भी बनवाया गया। आधार नंबर और खाता खुलने के बाद ही योजना की राशि मिलेगी।

हर जिले में फर्जी नामांकन
वैशाली – 54371
सीतामढ़ी- 53637
समस्तीपुर.- 54377
रोहतास- 37696.
नवादा- 30904
पटना- 55131
नालंदा- 36247
मुजफ्फरपुर- 22697
भोजपुर – 41157
दरभंगा- 86535
भागलपुर- 34132
औरंगाबाद- 41068.
– प्रवेश दिखाकर कई सालों से निकाल रहे थे पैसे
– स्कूलों की उपस्थिति पंजी में नाम लिख निकाली गई राशि

योशना राशि बांट दी गई
आधार नंबर से पकड़ में आने के बाद फर्जी नामांकन का पता तो चला। लेकिन इससे पहले सरकारी योजना के नाम पर राशि की निकासी स्कूलों द्वारा कर ली गयी थी। जिला शिक्षा कार्यालय की मानें तो एक से आठवीं तक की छात्रवृत्ति, पोशाक आदि योजना के मद में लगभग सात हजार रुपए हर बच्चे को दी जाती है। ऐसे में इन फर्जी नामांकन के नाम पर करोड़ों रुपये दिए गए।.

हर जिले में फर्जी नामांकन
फर्जी नामांकन में प्रदेश भर के 38 जिला शामिल हैं। हर जिले में यह पकड़ में आया है। पटना जिले की बात करें तो यहां पर 55 हजार 131 फर्जी नामांकन पकड़े गये हैं।