UGC-DU विवाद सुलझा, अब 4 नहीं 3 साल की होगी ग्रेजुएशन

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dfdhनई दिल्ली: UGC के दबाव के आगे झुकते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने विवादास्पद चार-वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (FYUP) को रद्द कर दिया और तीन-वर्षीय स्नातक कार्यक्रम के पुराने ढांचे को फिर से अपनाने की घोषणा की।

DU के कुलपति दिनेश सिंह द्वारा जारी बयान में सभी संबद्ध विश्वविद्यालयों के प्रिंसिपलों से नए सत्र में दाखिला शुरू करने को कहा गया है। सिंह ने कहा, यूजीसी के निर्देशों के अनुरूप विश्वविद्यालय ने एफवाईयूपी को वापस लेने का निर्णय किया है। इसी के अनुरूप दाखिला प्रक्रिया शैक्षणिक सत्र 2012-13 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों में लागू पाठ्यक्रम के तहत होगी। इस निर्णय के बाद शैक्षणिक सत्र 2014-15 के लिए दाखिला प्रक्रिया पर जारी अनिश्चितता पर विराम लग गया। विवादास्पद एफवाईयूपी पर डीयू और यूजीसी के बीच गतिरोध पैदा हो गया था।

इससे पूर्व, डीयू के कुलसचिव ने यूजीसी को चिट्ठी लिखकर यूजीसी के निर्देशों पर अमल करने और तीन साल के कोर्स पर सहमति जताई। डीयू ने दाखिले की प्रक्रिया जल्द शुरू करने की बात भी कही। उधर, केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, मैं संस्थानों की स्वायत्तता का सम्मान करती हूं, लेकिन मुझे मालूम है कि इन संस्थानों को राष्ट्र के नागरिकों की सेवा के लिए गठित किया गया था। इससे पूर्व, यूजीसी ने डीयू का नया प्रस्ताव ठुकरा दिया था। इस प्रस्ताव में चार साल के डिग्री कोर्स और तीन साल के डिग्री कोर्स पर अलग-अलग तरह की राय दी गई थी। इसमें से कुछ कोर्स को चार साल का रहने देने की बात कही गई थी।

इस प्रस्ताव पर यूजीसी ने कहा कि चार साल का कोर्स असंवैधानिक है, साथ ही यूजीसी तीन साल के कोर्स में दाखिला शुरू करने की बात कह रहा था। गुरुवार को यूजीसी के चेयरमैन वेद प्रकाश ने मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी से मुलाकात की थी। इस मुद्दे पर यूजीसी ने एक स्टैंडिंग कमेटी बनाई। इस कमेटी ने गुरुवार को ही दिल्ली यूनिवर्सिटी के नए प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। कमेटी की दलील थी कि जिन लोगों ने यह प्रस्ताव भेजा है, उनकी क्या वैधता है।