नीतीश कटारा हत्याकांड में विकास यादव और 25 साल की कैद

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नई दिल्ली: दिल्ली हाइकोर्ट ने 2002 के दिल्ली हाईकोर्ट ने बहुचर्चित नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी करार दिए गए विकास यादव और विशाल यादव को 25 साल की कैद की सजा सुनाई है। कोर्ट ने विकास यादव और उसके चचेरे भाई विशाल को 25-25 साल की सजा सुनाई है तो वहीं इस मामले में तीसरे आरोपी सुखदेव पहलवान को कोर्ट ने 20 साल की सजा सुनाई है।

सबूत मिटाने के मामले में विकास और विशाल को 5-5 साल अलग से सजा सुनाई गई है, यानी दोनों को बिना छूट के कुल 30 साल की सजा काटनी पड़ेगी। दोनों के अस्पताल में बिताए वक्त को सजा में शामिल नहीं किया जाएगा। दोनों पर 50-50 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

न्यायमूर्ति गीता मित्तल और न्यायमूर्ति जे आर मिड्ढा की पीठ 13 साल पुराने मामले में सजा को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया। अदालत ने पिछले साल आठ दिसंबर को दोषियों की सजा पर सुनवाई पूरी कर ली थी। अदालत तीनों दोषियों को अप्रैल 2014 से सुनाई गई सजा पर दलीलें सुन रही थी।

एक अन्य दोषी सुखदेव पहलवान को 20 साल कैद की सजा दी गई है। उसे भी सबूत मिटाने के मामले में पांच साल अलग से सजा काटनी होगी। हाईकोर्ट ने कहा कि यह केस रेयरेस्ट ऑफ रेयर नहीं है, इसलिए फांसी की सजा नहीं दी जा सकती, लेकिन कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सजा के दौरान इन्हें कोई छूट नहीं दी जाएगी।

इस मामले में विकास यादव, उसके चचेरे भाई विशाल यादव और सुखदेव पहलवान को निचली अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। मुख्य आरोपी विकास यादव उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता डीपी यादव का बेटा है।

हाइकोर्ट ने पिछले साल 2 अप्रैल को इसे ऑनर किलिंग का मामला माना था और निचली अदालत के फैसले को कायम रखा था। वहीं नीतीश कटारा की मां नीलम कटारा और दिल्ली पुलिस ने इसे रेअरेस्ट ऑफ द रेअर क्राइम बताते हुए दोषियों के लिए फांसी की सज़ा की मांग की थी। नीलम कटारा ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर करने की बात कही है।

दोषियों ने सजा में नरमी बरतने के साथ-साथ मौत की सजा से छूट की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि वे सुधर सकते हैं और उनका कृत्य इतना बर्बर या जघन्य नहीं था कि वे मौत की सजा के हकदार हों।

गौरतलब है कि नीतीश कटारा की अपनी बहन भारती यादव से बढ़ती नज़दीकी से नाराज उसके भाई विकास यादव और चचेरे भाई विशाल यादव तथा उनके साथी सुखदेव पहलवान ने 16 फरवरी, 2002 की रात गाजियाबाद में एक शादी समारोह से नीतीश कटारा का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी थी।