सीमाओं पर छाये युद्ध के बादल, सैनिकों की छुट्टियां हुई रद्द

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नई दिल्ली : पाक कब्जे वाले कश्मीर (POK) में भारतीय सेना के स्पेशल फोर्स के कमांडो द्वारा की गई सर्जिकल हमले के बाद पाकिस्तान के साथ युद्ध की आशंका बढ़ गई है। भारतीय सैनिकों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। छुट्टी पर गए सैंकड़ों सैनिकों को ड्यूटी पर लौटने के निर्देश दिए गए हैं।इस बीच, देश के अन्य क्षेत्रों से यहां आने वाले हजारों जवान सीमाओं की ओर कूच कर गए हैं।

उड़ी में हुए हमले के उपरांत सीमाओं पर जो तनाव बना हुआ है उससे युद्ध के बादल मंडरा रहे हैं। तनावपूर्ण परिस्थितियों को गुरुवार को उस समय और मजबूती मिली जब सेना की उत्तरी कमान की कमान के तहत सेना के जवानों ने पहली बार एलओसी को पार कर उस पार आतंकियों के लांचिंग पैडों पर हमला बोला तो युद्ध की आशंका के चलते उसने उन सैकड़ों जवानों की छुट्टियों को रद्द कर दिया जो अपने घर गए हुए थे।

रक्षा सूत्रों के अनुसार, छुट्टी पर गए हुए सभी जवानों को तत्काल ड्यूटी पर लौटने के आदेश जारी किए गए हैं। उनके अनुसार, इस संबंध में छुट्टी पर जाने वाले सैकड़ों जवानों को तार तथा अन्य संचार साधनों से सूचित किया गया है।

रक्षा सूत्रों ने बताया कि छुट्टी पर गए हुए जवानों को जितनी जल्दी हो सके अपनी ड्यूटी पर आने के लिए कहा गया है तथा उन्हें यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी अपनी तैनाती के स्थान पर लौटने के लिए उन सुविधाओं का तत्काल इस्तेमाल करें जिनकी व्यवस्था स्थानीय यूनिटों तथा राज्य सरकारों को करने के लिए कहा गया है। इन व्यवस्थाओं में फौजियों के लिए विशेष रेलगाड़ियां चलाने के निर्देश दिए गए हैं।

रक्षा सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि विशेष रेलगाड़ियों को इस कार्य में लगाया जा रहा है ताकि छुट्टी पर जाने वाले फौजी तथा अन्य फौजियों को ले जाया जा सके। खबरों में कहा गया है कि गुरुवार को हजारों फौजी जम्मू बेस कैम्प में पहुंचे हैं, जिन्हें बाद में सीमा क्षेत्रों की ओर रवाना कर दिया गया।

सुरक्षाधिकारियों ने माना है कि हजारों की संख्या में सैनिकों ने सीमा क्षेत्रों की ओर कूच किया है। वे बताते हैं कि पाकिस्तान द्वारा सीमा पर बनाए गए हालात को देखते हुए भारतीय फौजियों की तैनाती करना आवश्यक हो गया था। उनके अनुसार, पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता है अतः आपात परिस्थितियों के मद्देनजर सैनिकों तथा सैनिक साजोसामान की तैनाती आवश्यक है।

रक्षा सूत्रों ने हालांकि सीमा क्षेत्रों की ओर रवाना होने वाले सैनिकों की ताजा संख्या बताने से इंकार करते हुए इस बात की अवश्य पुष्टि की है कि रवाना होने वालों की संख्या हजारों में है। इनमें वे भी सैनिक शामिल हैं जो आज सुबह ही देश के विभिन्न स्थानों से जम्मू में पहुंचे थे।

रक्षा सूत्रों के अनुसार, असल में सेना को यह निर्देश दिए गए हैं कि वह कारगिल युद्ध की स्थिति न आने दे जब कश्मीर घाटी में तैनात सैनिकों को आतंकवाद विरोधी अभियानों से हटाकर सीमा पर तैनात कर देना पड़ा था और बाद में देश के विभिन्न भागों से सैनिक कारगिल की ओर रवाना हुए थे।

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान के विरुद्ध की गई कार्रवाई के बाद पाकिस्तान द्वारा जवाबी कार्रवाई के रूप में किए जाने वाले संभावित हमले से निपटने की खातिर की जाने वाली तैयारियों के मद्देनजर ही अन्य स्थानों से सैनिकों को जम्मू-कश्मीर की सीमा पर तैनात किया जा रहा है तथा आतंकवाद विरोधी अभियानों में तैनात जवानों को इसलिए नहीं हटाया जा रहा है क्योंकि सभी जानते हैं कि पाकिस्तान के विरुद्ध कार्रवाई की स्थिति में पाकिस्तान के इशारों पर आतंकवादी भीतरघात की कार्रवाइयां करेंगे। जम्मू कश्मीर की सीमाओं पर इसलिए भी हजारों सैनिकों तथा सैनिक साजोसामान को तैनात किया जा रहा है क्योंकि सभी जानते हैं कि पाकिस्तान के साथ युद्ध होने की स्थिति में पाकिस्तान का लक्ष्य जम्मू-कश्मीर को हथियाना होगा।ऐसी कोशिशें वह पहले भी तीन युद्धों के दौरान कर चुका है।