एक परिवार जो तीन पीढि़यों से है अंधेपन का शिकार

Like this content? Keep in touch through Facebook

blindnessएक ऐसा परिवार जिस पर कुदरत का कहर निरन्तर जारी है उस परिवार में जन्म लेने वाले जन्मजात अन्धे होते हैं, यह सीलसीला लगातार तीन पीढि़यों से जारी है परिवार वाले इसे कुदरत का कहर समझ रहे हैं। जी हां यह परिवार बिहार के मुजफफरपुर जिले के कुढनी प्रखण्ड के सुमेरा पंचायत अफजलपुर गांव के मो. महबुब आलम का है इनके परिवार में कुल सात लोग हैं जिनमें इनकी पत्नि कलमा खातुन को छोड़ सभी जन्म से अन्धे हैं।

इसका कारण क्या है परिवार के किसी सदस्य को मालूम नहीं है परन्तु वे इसे कुदरत का सजा समझ भुगत रहे हैं। पत्नि कलमा खातुन कहती है कि उनकी शादी महमुद आलम से हुइ जो अन्धे थे पर दो पुत्री मसीना खतुन व खुर्शीदा एवं तीन पुत्र मो.चांद ,मो.जासीफ ,मो.जाहीद को जन्म दी पर सभी जन्मांध जन्मे।

परीवार का पेट पालने के लिए कलमा के पास भीख मांगने के अलावे कोई दूसरा चारा नहीं है कलमा ने आस लगा साहायता राशि के लिए बडे़ हाकीमों से लेकर नेताओ और पंचायत प्रतिनिधी तक के चक्कर लगाये पर कहीं इस उपर वाले कि मार सह रहे परीवार को निचे पाले का भी सहारा नही मिला ।

आजतक इस बेघर, भूमीहीन और फटेहाल परीवार को कोइ सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पाया। कलमा भी अब उम्र के प्रभव और बुढ़ापे से लाचार हो चुकी है पर आस नही छोडी है की कही अभी भी न्याय और सहायता कि आस लगाये बैठी है की कहीं कोई मिल जाये मेरे परीवार का खेवनहार ।