हजारों शिक्षकों की जाएगी नौकरी, नीतीश सरकार ने 1 साल पहले हुए नियोजन को बताया अवैध

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पटना  : बिहार के हजारों शिक्षकों की नौकरी जाने वाली है। बताया जा रहा है कि नीतीश सरकार ने पिछले एक साल में हुए शिक्षक नियोजन को अवैध करार दिया है। जानकारों की माने तो अब इन शिक्षकों की नौकरी जा सकती है साथ ही कानून सम्मत कार्रवाई भी हो सकती है। बिहार सरकार ने 31 अक्टूबर, 2017 के बाद किए गए शिक्षक नियोजन को अवैध करार दिया है। शिक्षा विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने सभी नगर निगम आयुक्तों, उप विकास आयुक्तों के साथ ही नगर परिषद एवं नगर पंचायतों के कार्यपालक पदाधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि पटना हाईकोर्ट ने समान काम समान वेतन पर सुनवाई के क्रम में जिला परिषद माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन एवं सेवा शर्त नियमावली 2006 की कंडिका 66 के नियम 6 और 8 पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद राज्य सरकार किसी भी प्रकार के नियोजन नहीं कर सकती है।

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इस आदेश के खिलाफ सरकार सर्वोच्च न्यायालय में गई जिस पर 29 जनवरी को सर्वोच्च न्यायालय ने यथा स्थिति बनाए रखने को कहा। महाजन ने कोर्ट के आदेश का हवाला देकर कहा है कि कोर्ट की रोक के बाद कुछ नियोजन किए जाने की जानकारी मिली है जो नियम संगत नहीं। उन्होंने कहा है कि नियोजन सरकार द्वारा निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार ही होने हैं।

ऐसी स्थिति में 31 अक्टूबर 2017 के बाद यदि किसी भी प्रकार का कोई नियोजन किया गया है तो उसे अवैध माना जाएगा। यदि किसी जिले में कोर्ट के आदेश पर कोई नियोजन किया गया हो तो वैसे नियोजन की जानकारी भी उन्होंने पत्र के माध्यम से मांगी है।