जम्मू-कश्मीर में 58, झारखंड में 61 फीसदी वोटिंग

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जम्मू-कश्मीर और झारखंड में मंगलवार को तीसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हो गया। जम्मू-कश्मीर में 16 सीटों पर करीब 58 फीसदी जबकि झारखंड में 17 विधानसभा सीटों पर करीब 61 फीसदी वोटिंग हुई। सुरक्षा के मद्देनजर नक्सल प्रभावित इलाकों में तीन बजे तक ही वोटिंग हुई।

जम्मू-कश्मीर में जिन 16 सीटों पर वोटिंग हुई है, उनमें उरी, रफियाबाद, सोपोर, संगरामा, बारामूला, गुलमर्ग, पट्टन, चदूरा, बड़गाम, बीरवाह, खानसाहिब, छरार-ए-शरीफ,ट्राल, पोम्पोर, पुलवामा, राजपोरा शामिल हैं। उमर-अब्दुल्ला समेत कई दिग्गजों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया है।

दूसरी ओर, झारखंड में मंगलवार को 17 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ। झारखंड की 17 सीटों में कोडरमा, बरकाथ, बरही, बरकागांव, रामगढ़, मांडू, हजारीबाग, सिमरिया, धनवार, गोमिया, बेरमो, इछागढ़, सिली, खिजरी, रांची, हटिया, कांके विधानसभा सीटों मंगलवार को मतदान हुआ। दोनों राज्य सुरक्षा के लिहाज से काफी संवेदनशील हैं, लिहाजा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। झारखंड में इस चरण में 289 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें 26 महिला प्रत्याशी हैं। मतदान में मतदाता पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, पूर्व मंत्री माधव लाल सिंह, चंद्रप्रकाश चौधरी, शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव, ऊर्जा मंत्री राजेंद्र सिंह, आजसू प्रमुख सुदेश महतो के भाग्य का फैसला करेंगे। चुनाव आयोग ने राज्य में 5,865 मतदान केंद्र बनाए हैं।

जम्मू-कश्मीर में पहले दो चरणों में 70 फीसदी से अधिक मतदान दर्ज किया गया है, वहीं झारखंड में दूसरे चरण में 65 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था. घाटी में कुल 144 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें से 64 उम्मीदवारों ने खुद को करोड़पति बताया है। जम्मू-कश्मीर के 13.69 लाख से अधिक मतदाता इस चरण में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। बीते दिनों सेना के कैंप पर आतंकी हमले को चुनाव से जोड़कर भी देखा जा रहा है, लिहाजा मतदान के दौरान वोटरों का उत्साह लोकतंत्र की पहली परीक्षा भी होगी।

इसी बीच मंगलवार सुबह करीब छह बजे झारखंड के गिरीडीह में केंदुआ पहाड़ी के पास नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर दी। इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी चुनाव लड़ रहे हैं। एडिशनल सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस कुणाल कुमार ने बताया कि माओवादियों ने सुरक्षाकर्मियों पर फायरिंग की, लेकिन जवानों की तरफ से कड़ी जवाबी कार्रवाई के बाद वे जंगल में भाग गए। कुमार ने बताया कि मुठभेड़ लगभग 15 मिनट तक चली।