जानिए, कैसे एक किसान ने गोबर के ढेर के नीचे दबी बच्ची को जिंदा बचाया

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उत्तर प्रदेश : युग बदल रहा है देश तरक्की के दावे कर रहा है लेकिन आज भी धरातल पर देखा जाए तो कुछ लोगो कि सोच और देश में बेटियों का हाल अभी भी बदहाल है। जी हाँ यूपी के सीतापुर जिले में एक नवजात बच्ची को गोबर की ढेर (घूर) के नीचे जिंदा दबाने का मामला सामने आया है। ऐसा किसने किया इस बात की जानकारी सामने नहीं आ पाई है।

सीतापुर जनपद में शनिवार रात एक ऐसा वाकया हुआ जिसकी चर्चा सुबह होते होते पूरे शहर में फैलते हुए राजधानी लखनऊ तक पहुंच गयी। जिले की विसवां तहसील के ग्राम पंचायत गुरगुजपुर अपने घर के अहाते में लेटे दीपक कुमार (42 वर्ष) को रात के एक बजे किसी बच्चे की रोने की आवाज सुनाई दी जिस पर दीपक ने अपनी मां 60 वर्षीय श्यामपति को बुलाया और आवाज की दिशा में गए तो जाना कि आवाज रामभूषण के घूरे से आ रही है, टार्च लगाकर देखा तो घुरे में दबी बच्ची के पैर दिखे तो झटपट दीपक और उसकी माँ ने बच्चे को बाहर निकाला बच्ची की शरीर से जन्मनाल लिपटी हुई थी।

रात भर आग जलाकर नवजात बच्ची को तपाया सुबह ये चर्चा आस पास के गॉवों में फैल गयी जिसपर लोग उस बच्ची को देखने के लिए जुटने लगे। रविवार तीन बजे पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम मौके पर गयी और 108 एम्बुलेंस से बच्ची को अस्पताल ले आयी।

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र रेउसा के डॉ. दीपक पांडेय ने बताया कि बच्ची का वजन दो किलो है और वह पूर्ण रूप से स्वस्थ है। फिलहाल आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसान दीपक ने बच्ची को लेने की इच्छा जाहिर की है और वह अस्पताल में बच्ची का इलाज करवा रहे हैं।