- May 02, 2014
- By आज की आवाज़ टीम
- in व्यक्ति विशेष
नारी वह मूरत है, जिसमे अपरंपार सहनशीलता है। कोमल पुष्प की तरह जग महका ने की क्षमता है। अपने कर्म में केवल अपने ही नहीं, बल्कि अपनो के अरमानो को आवाज़ देती है यह नारी। साँसे तो उसकी है, लेकिन जीती दूसरो की ज़िंदगी है।
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