विवेकानंद ने एक संस्करण में लिखा है कि जब पहली -पहली बार धर्म की यात्रा पर उत्सुक हुआ, तो मेरे घर का जो रास्ता था, वह वेश्याओं के मोहल्ले से होकर गुजरता था। संन्यासी होने के कारण, त्यागी होने के कारण, मैं मील दो मील का चक्कर लगाकर उस...

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bharat

  वर्तमान समय में भारत, इंडिया मे खोता जा रहा हैं। मेरे इस लेख पर बहुत से तथाकथित बुद्धिजीवी मुझे ज्ञान की बाते बतायेंगे। आप सभी पाठकों से निवेदन हैं की इस लेख को लिखने की आवश्यकता मुझे क्यों पड़ी उसे समझने का प्रयास करें।

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Swami Vivekananda

  नई दिल्ली। कलकत्ता में 12 जनवरी 1863 को जन्मे स्वामी विवेकानंद की आज 150वीं जयंती है। युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने विवेकानंद ने दिए अनमोल विचार :- हे सखे, तुम क्यों रो रहे हो? सब शक्ति तो तुम्हीं में हैं। हे भगवान्, अपना ऐश्वर्यमय स्वरूप को विकसित करो।...

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