अपने घर से कोसों दूर जंगलों पहाड़ियों में पैदल घूमना, दलित आदिवासियों के पास जाकर उनकी स्थिति को जानना, मजदूरों की झोपड़ियों में बैठकर उनकी बात सुनना उनकी परेशानियों, डर, अभावों को दूर करना, उनके हक के लिए संघर्ष करना काफी मुश्किल कार्य है। परेशानियां और भी बढ़ जाती...

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उर्दू अदब के अज़ीम अफ़सानानिगार सआदत हसन मंटो की 107वीं सालगिरह 11 मई को मनाई गई। मन्टो 11 मई 1912 को लुधियाना के शहर समराला में पैदा हुए। बाप की सख़्ती और माँ की शफ़क़त में मन्टो की शख़्सियत पनपी। हमेशा मुआशरे की दुखती रग पर हाथ रखने वाले...

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