भारतेंदु हरिश्चंद्र को हिंदी साहित्य में आधुनिकता का प्रवर्तक माना जाता है. भारतेंदु स्वयं एक बहुत बड़े नाटककार भी थे. उन्होंने अपने नाटक के माध्यम से देश में व्याप्त अनेकों समस्याओं को देश वासियों से समक्ष प्रस्तुत किया. ‘अंधेर नगरी’ उनका सर्वाधिक महत्वपूर्ण व्यंग्य-नाटक है, जो सत्ता की विवेकहीनता...

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