- April 13, 2013
- By Arpana Singh Parashar
- in सम्पादकीय
’गीता’ यानि जिसके दर्शन मात्र से पूरा जीवन चक्र चलचित्र की भाँति स्पष्ट हो जाता है जिसकी उपस्थिति मात्र बड़े से बड़े ताकतवर को हिला देती हो, जिस पर हाथ रख देने भर से सत्य के प्रति आस्था और प्रबल हो जाती है ऐसे दिव्य ग्रंथ को भारत में...
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