जयललिता को सुप्रीम कोर्ट से जमानत

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एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गई। उनके साथ शशिकला और अन्य की भी जमानत मंजूर कर ली गई। जयललिता बीते 27 सितंबर से बेंगलुरु की जेल में बंद हैं। उन्हें आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहराते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई गई है।

सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए जयललिता को अंतरिम जमानत दे दी है। यानी अब वो जेल से बाहर आ जाएंगी। उनके केस पर अब 18 दिसंबर को सुनवाई होगी, तक तक वो घर से नहीं निकलेंगी।

इसी के साथ कोर्ट ने जयललिता से कहा कि अगर वो दो महीने के भीतर पेपरबुक फाइल करने में नाकाम रहती हैं तो उन्हें एक दिन की भी मोहलत नहीं दी जाएगी और जमानत रद्द कर दी जाएगी। अदालत ने जयललिता की करीबी सहयोगी रहीं शशिकला और उनके रिश्तेदारों वी एन सुधाकरन और इलावरासी को भी जमानत दे दी।

चीफ जस्टिदस एच एल दत्तू के नेतृत्व वाली बेंच ने जयललिता को तब जमानत दी जब उन्होंने भरोसा दिया कि वह हाई कोर्ट से कोई स्थगन नहीं मांगेंगी और दो महीने में अपनी अपील के सभी तथ्य और बहस से जुड़ी सामग्री (पेपरबुक) पेश करेंगी। यह पेपरबुक करीब 35 हजार पन्नों का है।

सुप्रीम कोर्ट ने जयललिता को यह भी निर्देश दिया कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता राज्य में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा न करें। अदालत ने कहा, ‘अगर जयललिता के कहने पर पार्टी कार्यकर्ता गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होते हैं तो हम गंभीरता से कदम उठाएंगे। जयललिता के वकील एफ नरीमन ने अदालत को भरोसा दिया कि उनके निर्देशों का पालन किया जाएगा।

आय से अध‍िक संपत्तिल के मामले में एआईएडीएमके प्रमुख जयललिता इस वक्त बेंगलुरु सेंट्रल जेल में बंद हैं। ट्रायल कोर्ट ने जयललिता को चार साल जेल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद 27 सितंबर को उन्हें जेल भेज दिया गया।

जयललिता के ख‍िलाफ आय से अध‍िक संपत्ति‍ का मामला उठाने वाले सुब्रमण्यम स्वामी ने फैसले के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह मामूली बेल है। उन्होंने कहा कि ट्रायल कोर्ट से मिली सजा को सस्पेंड करना है या नहीं, इस पर आज शीर्ष अदालत में बहस नहीं हुई।

हाईकोर्ट से जमानत अर्जी खारिज होने के बाद जयललिता की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपील की गई थी। उनकी ओर से स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए जमानत मांगी गई थी। दिवाली से पहले जेल से बाहर आने के लिए जयललिता के पास शुक्रवार को अंतिम मौका था, क्योंकि इसके बाद शीर्ष अदालत में एक सप्ताह का अवकाश रहता। शुक्रवार को एआईएडीएमके की 43वीं वर्षगांठ के मौके पर जयललिता को जमानत मिलने पर उनके समर्थक जश्न में डूब गए।