लफ्जों का एक और जादूगर, अगम गौरव के साथ खास बात-चीत

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मुंबई : सृष्टि के पिता अपनी किसी मज़बूरी और समाज के डर से अपनी बेटी को एक मंदबुद्धि लड़के से शादी करने के लिए कहते हैं और इसे परमात्मा की मर्जी बताते है ..तो सृष्टि कहती है। “पापा हमने कभी परमात्मा की मर्जी जानी ही नहीं बस वही किया जो पापा ने कहा… हम आपकी प्राइड के लिए अपनी जान दे सकते है लेकिन किसी परम्परा के लिए बलि नहीं चढ़ेंगे।” ये डायलाग है एंड टीवी पर प्रसारित होने वाले नये सीरियल अग्निफेरा के जिसके लेखक हैं अगम गौरव।

इससे पहले वो लाइफ ओके पर प्रसारित होने वाले शो “जाने क्या होगा रामा रे “ के डायलाग लिख चुके है साथ गौरव ‘सब’ टीवी पर प्रसारित होने वाले सही “हम आपके घर में रहते है” से भी जुड़े रहे हैं और सावधान इंडिया की एपिसोड भी लिख कर समाज को अपराध के प्रति होशियार करते रहे हैं।

हमसे बातचीत में अगम गौरव ने बताया की उन्हें कहानियां सुनाना बचपन से पसंद रहा है और संवाद लिखने में उन्हें एक अलग मज़ा आता है। आखिर वो शब्द युग्म और वाक्य ही तो होते है जो सुनने के बाद हमेशा के लिए हमारे अंदर उतर जाते है। बुद्धिजीवियों के शहर इलाहाबाद से ताल्लुक रखने वाले अगम गौरव 2010 में मुंबई पहुचे और अपने हिस्से का संघर्ष करते हुए जल्दी ही अपनी जगह बना ली।

बातचीत के दौरान उन्होंने एक मजेदार बात कही की आमतौर पर लोग अपने जूनून को अपना रोज़गार बनाना चाहते हैं लेकिन एक लेखक को उसकी बेचैनी लेखक बनाती है। समाज रिश्तो और मानवीय संवेदनाओ की बहुत सी कहानी वो कहना चाहते हैं। कहानियों के इतर वो बेहतरीन शायरी भी करते हैं। इसी बात चीत के दौरान गौरव जी ने हमें अपना एक ताज़ा शेर भी सुनाया।

दुनिया में हर ख़ुशी की कीमत किसी का गम है’
मैं गम में मुतमइन हूँ तू खुश रहे जहाँ है.

‘फ़िलहाल एकरसता से भरे टेलीविजन शो के बीच उनका शो तारीफे बटोर रहा है और हम अपनी पूरी टीम के साथ उनकी कामयाबी की कामना करते है।