वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी, समुद्र में बढ़ते प्रदूषण से संकट में करोड़ों की आबादी

Like this content? Keep in touch through Facebook

नई दिल्ली : जीवाश्म ईंधनों के कारण समुद्र में अमल तत्वों की प्रचुरता बढ़ रही है। इससे समुद्र की मदद से जीवनयापन करने वाले करोड़ों लोगों पर खतरा मंडरा रहा है। एक हालिया शोध में यह दावा किया गया है।

समुद्र के अमलीकरण पर शोध करने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार ज्वालामुखी से कार्बन डाइऑक्साइड रिसने से समुद्र में अमल तत्वों में वृद्धि हो रही है। इससे जापान किस समुद्री जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पढ़ रहा है। साथ ही मध्य पूर्व क्षेत्र में भी समुद्री जीवों को नुकसान पहुंच रहा है।

वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जीवाश्म ईंधन के जलने से कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर यूं ही बढ़ता रहा तो समुद्र का अमली करण रोका नहीं जा सकेगा। इससे मत्स्य इंडस्ट्री, उस पर निर्भर लोग व तटीय क्षेत्रों में रहने वाले करोड़ों लोगों पर संकट मंडराने लगेगा। यह शोध जापान की यूनिवर्सिटी ऑफ प्लाईमाउथ और शुकुबासी शिमोडा मरीन रिसर्च सेंटर द्वारा किया गया है।

वैज्ञानिकों ने इस प्रक्रिया को एसिडिफिकेशन कहा है। इन दोनों क्षेत्रों में सक्रिय ज्वालामुखी मौजूद हैं जहां से धीरे-धीरे कर कॉर्बन डाइऑक्साइड रिसकर समुद्र में जा रहे हैं और इससे आसपास के समुद्री इलाकों में अमल तत्व बढ़ रहा है।