फाइनल से पहले, मोदी बनाम राहुल का मुकाबला

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rahul modiलोकसभा चुनाव से पहले हो रहे आखिरी विधानसभा चुनावों में चाहे-अनचाहे मुकाबला नरेन्द्र मोदी बनाम राहुल गांधी का मुकाबला होना

तय है। विधानसभा वाले पांच में सियासी रूप से ज्यादा अहम चार राज्यों में कांग्रेस-भाजपा की सीधी लड़ाई है।

 दोनों प्रमुख दलों से मोदी और राहुल ही स्टार प्रचारक हैं, ऐसे में मुलना न सिर्फ स्वभाविक है, बल्कि भाजपा उेसा करने का पूरा प्रयास कर रही है। वहीं, कांग्रेस इन चुनावों को स्थानीय मुद्दों और केंद्र की अपनी लोकप्रिय योजनाओं पर केंद्रित करने का प्रयास कर रही है।

राजस्थान मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और दिल्ली में भाजपा से मोदी और कांग्रेस से राहुल गांधी की ही सबसे ज्यादा मांग है। जाहिर तोर पर ये दोनों नेता घूमेंगे भी, लेकिन कांग्रेस व्यक्तियों पर केंद्रित चुनाव से बचना चाहती है। खासतौर से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जिन राज्यों में उसकी सरकारें नहीं चाहती। इन दोनों ही राज्यों में राहुल की रैलियों में भी राज्य सरकार के भ्रष्टाचार और विकास को ही मुद्दा बनाया जाएगा। साथ ही केंद्र की योजनाओं का गुणगान किया जाएगा।

वहीं, भाजपा विकास को भी मोदी मॉडल के सहारे आगे करेगी। शिवराज व रमन सिंह सरकारों के कामकाज के साथ-साथ इन चुनावों को राष्ट्रीय चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में ही जोर-शोर से प्रचारित किया जाएगा। वैसे भी भाजपा के पास इन दोनों राज्यों में जहां चेहरे हैं, वहीं कांग्रेस की तरफ से कोई उम्मीदवार ही तय नहीं है। अकेले दिल्ली ही ऐसा राज्य है, जहां कांग्रेस के पास चेहरा है और भाजपा नेतृत्वविहीन दिख रही है।

राजस्थान में भी कांग्रेस राज्य और केंद्र की योजनाओं का डंका पीट रही है। वहीं, भाजपा यहां पर वसुंधरा राजे के साथ-साथ नरेंद्र मोदी को भी पूरी ताकत के साथ पेश कर रही है। वैसे, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी पिछले एक वर्ष में सबसे ज्यादा इसी राज्य के दौरे कर चुके हैं। वैसे तथ्य है कि बहुत कोशिशों के बाद भी कांग्रेस मोदी बनाम राहुल की स्थिति से बच नहीं पा रही है।

कांग्रेस के वरिष्ठ सूत्र भी मान रहे है कि व्यक्तित्वों के बीच चुनाव से पूरी तरह नहीं बचा जा सकता है, लेकिन उनकी कोशिश है कि मुद्दे गौण न हो जाएं। कांग्रेस महासचिव अजय माकन साफ कह रहे है कि हर राज्य का चुनाव अलग होता है। वहां के मुद्दे भी बिल्कुल भिन्न है।

सिर्फ एक ही बात राज्यों और राष्ट्रीय चुनावों में लागू होती है, वह है भाजपा का दोहरा चेहरा। वहीं, भाजपा के मुताबिक वह हर राज्य में विश्वसनीय और लोकप्रिय चेहरों के साथ चुनाव में उतरी है। साथ ही राष्ट्रीय स्तर पर भी भाजपा के पास ऐसा नेतृत्व है, जिसकी साचा है और उसकी नीतियों व कार्यक्रम को जनता ने देख रही है।