जानिए, रिजीजू ने रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने के मुद्दे पर कुछ ऐसा दिया जवाब

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नई दिल्ली : PM नरेंद्र मोदी के म्यांमार दौरे के बीच भारत ने साफ किया है कि वह म्यांमार से अवैध तरीके से घुस आए रोहिंग्या मुस्लिमों की पनाहगाह नहीं बनेगा।

केंद्रीय राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को कहा कि रोहिंग्या अवैध आप्रवासी हैं और उनको उनके मुल्क भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि किसी को भी इस मुद्दे पर भारत को प्रवचन नहीं देना चाहिए, क्योंकि भारत ने दुनिया में अधिकतम संख्या में शरणार्थियों को अपने यहां पनाह दे रखी है। आपको बता दें कि भारत में 40,000 के करीब रोहिंग्या शरणार्थी हैं।

रिजिजू ने कहा, “मैं अंतरराष्ट्रीय संगठनों से कहना चाहता हूं कि चाहे रोहिंग्या संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग के तहत पंजीकृत हैं या नहीं, वे भारत में अवैध आप्रवासी हैं।” गृह राज्यमंत्री ने कहा, “चूंकि वे वैध आप्रवासी नहीं हैं इसलिए उन्हें उनके मुल्क भेजा जाना है। कानून के अनुसार उन्हें देश से निकाला जाना है, क्योंकि वे अवैध आप्रवासी हैं। हम महान लोकतांत्रिक परंपराओं वाले देश हैं। भारत ने दुनिया में अधिकतम संख्या में शरणार्थियों को जगह दी है, इसलिए किसी को भी शरणार्थियों से कैसे बर्ताव किया जाए इस पर भारत को नसीहत नहीं देनी चाहिये।

इस मुद्दे पर सरकार के रुख की आलोचना पर कड़ा रुख अपनाते हुए रिजिजू ने कहा, “हम कानूनी रास्ता अपना रहे हैं, तब क्यों हम पर अमानवीय होने का आरोप लगाया जा रहा है।” रिजिजू ने कहा कि केंद्र ने सभी राज्य सरकारों को रोहिंग्या लोगों को देश से निकालने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है।