बिहार में यात्रियों की बद से बत्तर होती हालत

Like this content? Keep in touch through Facebook

bihar-journeyबिहार मे परिवहन विभाग अवैध उगाही का मात्र एक जरीया बन कर रह गयी है। बस संचालको और गाड़ी संचालको द्वारा जिला परिवहन पदाधिकारी को प्रतिमाह एक बंधी बंधार्इ रकम पहुँचा दिया जाता है, और यात्रियों को भेड़ बकरियों की तरह सीट से अधिक यात्रियों को बसों में ठूसा जाता है तथा मनमाना किराया वसूला जाता है। यहां तक कि बसो और गाडि़यो के छतो पर भी यात्रियों को बैठाया जाता है।

लेकिन परीवहन विभाग चुपचाप तमासबीन

की तरह मूकदर्शक बनी रहती है ऐसे में यात्रियों की व्यथा सूनाने वाला कोर्इ नहीं है। किराये को लेकर कंडक्टर और यात्रियों के बीच तू तू मैं मैं आए दिन कि बात है लेकिन न प्रसासन और न ही विभाग द्वारा संचालको पर कोर्इ कार्यवाइ कि जाती है जिससे इनका मनोबल बढता हि जा रहा है।

 

यहाँ प्रतिदिन शिक्षक से लेकर अन्य पदाधिकारी तक इन बसों में सफर करते हैं लेकिन कोइ भी यात्रिसों की इस बदहाली पर ध्यान देना वाजिब नहीं समझता। ओवर लोडिंग और बस गाड़ियों की छतों पर बैठने से आए दिन घटनाएं होती रहती हैं।

इस कारण न जाने कितनी मौते हो चूकी हैं लेकिन पता नहीं विभाग के कान पर जू क्यां नही रेंग रहा। वहीं बस स्टैंड पर भी यात्रियों की सुविधा का कोर्इ ख्याल नहीं रखा जाता न ही यात्री प्रक्षिलय है न ही शौचालय जबकी सरकार को प्रतिवर्ष करोड़ो रूपया राजस्व इन बस स्टैड से आती है। बस संचालको, कंडक्टरो द्वारा यात्रि़यो को टिकट भी काट कर नहीं दिया जाता है।

यह एक और सुसासन की सरकार का रूप है जो बिहार की परिवहन की समस्या को उजागर करती है। जहां यात्रा करते वक्त यात्रियों को दी जाने वाली सभी सुविधाएं न मात्र की है।