PM मोदी ने मॉरीशस में साइबर सिटी के निर्माण में मदद के लिए किया ऐलान

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नई दिल्ली: द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए मॉरीशस यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत मॉरिशस को साइबर सिटी के विकास के लिए मदद करने को तैयार है। मोदी ने भरोसा जताया कि डबल टैक्सेशन पर समझौते के दुरुपयोग को रोका जाएगा।

मोदी ने आज वहां की संसद को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2020 तक भारत का 100 GW सोलर ऊर्जा का लक्ष्य है। उन्होंने मॉरीशस को मजबूत बनाने, साइबर सिटी के निर्माण और एक ग्लोबल संस्था बनाने में भी सहयोग करने का वादा भी किया। नरेंद्र मोदी ने कहा कि हाल के दिनों में मॉरिशस ने भी तेजी से तरक्की की है। उन्होंने कहा कि वाजपेयी सरकार ने वहां साइबर सिटी बनाने में मदद की थी। भारत एक बार फिर इस क्षेत्र में मॉरिशस की सहायता करने को तैयार है।

पीएम ने आगे कहा कि ”आपके राष्ट्रीय दिवस में आना सम्मान की बात है। स्वतंत्रता दिवस पर हम केवल आजादी का जश्न ही नहीं मनाते, बल्कि आजादी के कारक संघर्ष और बलिदान को भी याद करते हैं। आज भारत के लिए भी विशेष है। आज ही महात्मा गांधी ने दांडी मार्च की शुरुआत की थी।

उन्होंने कहा कि हम आपके बलिदान को भी याद करते हैं। मॉरीशस ने खुद को एक लोकतंत्र के उज्ज्वल प्रकाश स्तम्भ के रूप में खड़ा किया है। मैं यहां केवल दोनों देशों के रिश्तों में मधुरता का जश्न मनाने के लिए ही नहीं बल्कि आपकी उपब्धियों के सम्मान में भी खड़ा हुआ हूं। उन्होंने कहा कि आज सुबह मैं गंगा तलाब गया, क्योंकि गंगा से मेरा खास नाता है। दोनों देशों में काफी समानताएं हैं। दोनों देशों में एक साथ होली और दिवाली होती है। दोनों देशों में पूर्ण बहुमत की सरकार है। दोनों देशों की संसद में महिला स्पीकर हैं।

साथ ही उन्होंने मॉरीशस की यात्रा को प्रेरणा स्त्रोत बताया और मित्र देश की तारीफ करते हुए कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था ने मॉरीशस को आगे बढ़ाया है। मॉरीशस में विकास काबिले तारीफ है। दोनों देशों में दोस्ती का गहरा रिश्ता है। हम लोग मिलकर काम करेंगे। दोनों देश हर मोर्चे पर साथ चलेंगे।

इससे पहले पीएम ने मॉरीशस में विश्व हिंदी सचिवालय की आधारशिला रखी। पीएम ने पोर्ट लुई में भाषण देते हुए कहा कि ”150 साल पहले हमारे पूर्वज मॉरीशस में हिंदी भाषा लेकर आए। इस तरह से भारत की संस्कृति को भी वे अपने साथ लाए थे। मॉरीशस ने हिंदी साहित्य की बहुत सेवा की है और यहां का अपना हिंदी साहित्य है। मोदी ने वहां के भाषा-साहित्य की जमकर तारीफ की। मोदी ने कहा कि मॉरिशस ने हिंदी की बहुत सेवा की है। उन्होंने कहा कि मॉरिशस की हिंदी में मजदूरों की भक्तिम का अहसास होता है।

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, भाषा की अपनी एक ताकत होती है। भाषा भाव की अभिव्यक्ति का बहुत बड़ा माध्यम है। मातृ भाषा सीधे दिल से निकलती है, जबकि अन्य भाषा को बोलने में दिमाग लगता है। यहां लघु भारत देखकर अपनेपन का एहसास हुआ है। यहां की हिंदी में मजदूरों के पसीने की महक है। उन्होंने कहा कि भारत की मदद से विश्व हिंदी सचिवालय भी बना।

इससे पूर्व उन्होंने वहां ‘गंगा तलाव’ जाकर पूजा-अर्चना की। यहां शिवलिंग की पूजा करने के बाद पीएम ने तलाव में गंगा जल भी प्रवाहित किया। गंगा तलाव पोर्टलुई से करीब 50 किलोमीटर दूर पहाड़ियों की गोद में स्थित है। थोड़ी देर बाद वे मॉरीशस की संसद को संबोधित करते हुए भारत से रिश्तों की मधुरता के लिए अपना विजन उनके सामने रखेंगे। पीएम मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं। यह उनके दौरे का आज दूसरा और आखिरी दिन है।