दिल्ली के होटलों और गेस्ट हाउसों में अब चीनी नागरिकों की एंट्री हुई बंद

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नई दिल्ली : लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद के मद्देनजर चीनी सामान के बहिष्कार के आह्वान के बाद अब दिल्ली के होटलों और गेस्ट हाउसों में भी चीनी नागरिकों की नो एंट्री का ऐलान किया गया है। कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के चीनी सामान के बहिष्कार के आह्वान पर गुरुवार को दिल्ली के बजट होटलों के संगठन दिल्ली होटल एंड गेस्ट हाउस ओनर्स एसोसिएशन (धुर्वा) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए इसकी घोषणा की है। कैट ने कहा कि चीन की नापाक हरकतों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि दिल्ली के होटल तथा गेस्ट हाउसों में अब से किसी भी चीनी व्यक्ति को नहीं ठहराया जाएगा। दिल्ली में लगभग 3000 बजट होटल और गेस्ट हाउस हैं जिनमें लगभग 75 हजार कमरे हैं।

दिल्ली होटल एवं गेस्ट हाउस ओनर्स एसोसिएशन के महामंत्री महेंद्र गुप्ता ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि चीन जिस प्रकार से भारत के साथ व्यवहार कर रहा है और उसने जिस तरीके से भारतीय सैनिकों की नृशंस हत्या की है, उसके बाद से दिल्ली के सभी होटल कारोबारियों में बेहद गुस्सा है। ऐसे समय में जब कैट ने देशभर में चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का अभियान चलाया है उसमें दिल्ली के होटल और गेस्ट हाउस व्यवसायी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे और उसी को देखते हुए हमने यह फैसला किया है की अब से दिल्ली के किसी भी बजट होटल अथवा गेस्ट हाउस में किसी भी चीनी व्यक्ति को ठहराया नहीं जाएगा।

बता दें कि कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि कैट द्वारा शुरू किया गया चीनी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान से देश के विभिन्न वर्गों के लोग जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसी सिलसिले में कैट अब ट्रांसपोर्ट, किसान, हॉकर्स, लघु उद्योग, उपभोक्ता स्वयं उद्यमी, महिला उद्यमी के राष्ट्रीय संगठनों से संपर्क कर उन्हें भी इस अभियान से जोड़ेगा।

स्वदेशी के लिए देशभर में चलाया जाएगा अभियान

वहीं, दूसरी ओर कैट देश के मीडिया वर्ग, प्राइवेट संस्थानों के अधिकारी एवं कर्मचारी, शिक्षक वर्ग, आइएइस एवं आईपीएस अधिकारी, आईआरएस , इंडियन फॉरेस्ट सर्विस के अधिकारी, सरकारी कर्मचारी, धर्मगुरु, मोटिवेशनल स्पीकर्स, सेवानिवृत जज एवं न्यायिक अधिकारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट, कम्पनी सेक्रेटरी, सेवानिवृत अधिकारी, सेनाओं के सेवानिवृत अधिकारी, देशभर में काम कर रहे पुलिसकर्मी, सेवानिवृत पुलिसकर्मी, सीआरपीएफ, आईटीबीपी जैसी पैरा मिलिट्री फोर्स के कार्यरत एवं सेवानिवृत अधिकारी, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन एवं अन्य अनेक वर्गों के संगठनों से संपर्क कर उन्हें भी इस अभियान से जोड़ेगा और ”भारतीय सामान-हमारा अभिमान” के राष्ट्रीय अभियान के अंतर्गत चीनी वस्तुओं के बहिष्कार के अभियान को और तेजी के साथ देशभर में चलाएगा।

उन्होंने कहा कि इस बार चीन को सबक सिखाने में भारत के लोग दृढ़ संकल्प से जुड़ेंगे और दिसंबर 2021 तक चीन से आयात होने वाले सामान में 1 लाख करोड़ रुपये की कमी करेंगे और वो 1 लाख करोड़ रुपये भारत की अर्थव्यवस्था में लगेगा।