केदार नाथ में ताऊ ताई को खोकर कानपूर लौटी नौ साल की मासूम बच्ची

Like this content? Keep in touch through Facebook

 

LAUTI-SHIVANIकानपुर। केदार नाथ में आई त्रासदी में जो दुनिया से चले गए है उनके लिए हम सबकी आखे नम हो जाती है, लेकिन इस त्रासदी में केदार नाथ की कृपा से जो बच गए उनकी कहानी सुन कर रुहे काँप जाती है, कानपुर की एक नौ साल की बच्ची केदार नाथ की त्रासदी में जिस तरह अपने ताऊ ताई को खोकर वापस आई है। वह केदार नाथ का ही करिश्मे है, क्योकि उसके घरवालो को उसके बचने की उम्मीद तक नहीं थी, ऐसे में हम तो बस यही कह सकते है, कि जाको राखे साइया मार सके ना कोई बाल ना बाका हो सके जो जग बैरी हो।

कानपुर के कल्यानपुर थाना अंतर्गत गुवा गार्डेन की रहने वाली मासूम शिवानी को खुद उम्मीद नहीं थी, कि वो अपने मम्मी पापा के पास वापस लौट कर आएगीए शिवानी के पिता हरिसंकर गुप्ता सीनियर वकील है, शिवानी ६ जुलाई को अपने ताऊ रमेश गुप्ता और ताई गीता के साथ चार धाम यात्रा पर गई थी, ये लोग १५ जून को केदार नाथ पहुचे थे, वहा केदारनाथ के बगल में एक धर्मशाला में ये लोग रुके थे, १६ जून को शिवानी का जन्मदिन था, ताऊ ने उस दिन पहले उसको लेकर केदारनाथ के दर्शन किये, फिर धर्मशाला में ही शिवानी का जन्म दिन मनाया था।

शिवानी उस दिन को याद करते हुए बताती है, कि १७ जून की सुबह ताऊ जी मुझे नहला रहे थे, तभी पता नहीं क्या हुआ, कि धर्मशाला हिलने लगी मै जब तक कुछ समझ पाती, तब तक धर्मशाला गिरने लगी और मेरे ताउजी फिसलने लगेए मैंने डरकर ताउजी के पैर पकड लिए, लेकिन उसके बाद क्या हुआ, मुझे याद नहीं मुझे जब होश आया तो मई एक पत्थर के पास कीचड़ में पड़ी थी।

मै रोने लगी तो एक अंकल जी ने आकर मुझे उठाया उन्होंने मेरा मुह धुला कर मेरे बारे में पूछा, मैंने उनको ताऊ ताई की पूरी बात बताई तब उनलोगों ने कहा की उनका पता कर लेंगे तुम मेरे साथ चलो उन्होंने बताया की मै भी वकील हुए मै ग्वालियर में रहता हु तुम्हारे पापा का का पता करके तुमको पंहुचा दुगा। मुझे अपने पापा का नंबर भी याद नहीं था, वो अंकल जी मुझे लेकर कई बार पहाड़ो पर चढ़ कर जंगलो से घूमते हुए हरिद्वार पहुचे फिर मुझे लेकर ग्यालियर आ गएए यहाँ किसी तरह कानपुर कचहरी से मेरे पापा का नंबर पता कर उनको सुचना दी गई।

शिवानी को तेज बुखार है, शिवानी तो बचकर आ गई लेकिन उसके ताऊ और ताई का अभी तक पता नहीं चला है, शिवानी के माँ बाप इस समय अजीबो गरीब जिन्दगी के दोराहे पर खड़े है, उन्हें एक तरफ तो इस बात की ख़ुशी हो रही की शिवानी जिसकी उन्हें उम्मीद तक नहीं थी, भगवान् ने उनकी गोद में वापस भेज दीए लेकिन बड़े भाई और भाभी का अभी तक कोई पता नहीं चल पा रहा है।