जानिए, क्यों नवाज शरीफ पर लगा भ्रष्टाचार का आरोप और छीना गया प्रधानमंत्री पद

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नई दिल्ली : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी करार दिया गया है। उनको प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने उनको दोषी करार दिया। नवाज का नाम पनामा पेपर में आया था। यह मामला 1990 के दशक में उस वक्त धनशोधन के जरिए लंदन में सपंत्तियां खरीदने से जुड़ा है जब शरीफ दो बार प्रधानमंत्री बने थे। शरीफ के परिवार की लंदन में इन संपत्तियों का खुलासा पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले से हुआ। इन संपत्तियों के पीछे विदेश में बनाई गई कंपनियों का धन लगा हुआ है और इन कंपनियों का स्वामित्व शरीफ की संतानों के पास है। इन संपत्तियों में लंदन स्थित चार महंगे फ्लैट शामिल हैं।

आपको बता दें कि कोर्ट के इस फैसले से पाकिस्‍तान की सियासत में भूचाल हो सकता है और सेना एक बार फिर मजबूत स्थिति में आ सकती है।

इससे पहले 21 जुलाई को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस एजाज अफजल की अध्यक्षता में तीन न्यायाधीशों की पीठ ने अपना फैसला सुनाने के लिए तुरंत कोई तारीख मुकर्रर नहीं की। पीठ में जस्टिस शेख अजमत सईद और जस्टिस एजाजुल अहसन शामिल हैं।

जस्टिस सईद ने कहा कि अदालत अपना फैसला सुनाते हुए किसी कानून से विचलित नहीं होगी। ”हम याचिकाकर्ताओं और प्रतिवादियों के मौलिक अधिकारों के प्रति सचेत हैं।” सुप्रीम कोर्ट ने दस खंडों वाली रिपोर्ट का अंतिम हिस्सा भी खोला जिसे संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने दाखिल की थी। उच्चतम न्यायालय ने शरीफ और उनके परिवार पर लगे धनशोधन के आरोपों की जांच के लिए जेआईटी गठित की थी।

जेआईटी ने कहा था कि रिपोर्ट का दसवां खंड गोपनीय रखा जाए क्योंकि इसमें दूसरे देशों के साथ पत्राचार का ब्‍यौरा है। शरीफ के वकीलों की टीम ने इस पर एतराज जताया था। अदालत ने अधिकारियों को आदेश दिया कि खंड की एक प्रति शरीफ के वकील ख्वाजा हारिस को सौंपी जाए।