मैडिसन स्क्वेयर में पीएम मोदी के भाषण की खास बातें

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मैडिसन स्क्वेयर गार्डन में आयोजित एक बेहद भव्य समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां एकत्र लोगों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री के भाषण के लिए 360 डिग्री घूमने वाला स्टेज बनाया गया है और इस तरह के कार्यक्रम में शिरकत करने वाले वह दुनिया के पहले राष्ट्राध्यक्ष हैं।

मोदी की एक झलक पाने के लिए अमेरिका के अलग-अलग हिस्से से लोग न्यूयॉर्क पहुंचे। मोदी के भाषण को सुनने के लिए अमेरिकी सीनेटर और उद्योगपतियों की टीम भी मैडिसन स्क्वॉयर पहुंची। करीब 20 हजार की क्षमता वाला यह हॉल मोदी के फैंस से खचाखच भरा हुआ था। बाकि बचे लोग टाइम्स स्क्वैयर में मोदी का भाषण सुन रहे थे और इसके लिए टाइम्स स्क्वैयर में बड़े-बड़े स्क्रीन लगाए गए थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘भारत माता की जय’ के नारे लगवाकर संबोधन शुरू किया और लोगों को नवरात्रि के पावन पर्व की बधाइयां दी। प्रधानमंत्री ने वहां एकत्र युवाओं की तारीफ करते हुए कहा, ‘आप युवा न होते, तो दुनिया हमें संपेरों का देश मानती रहती, हमारे पूर्वज सांपों से खेलते थे, हम ‘माउस’ के साथ खेलते हैं। हमारे युवा ‘माउस’ को हिलाकर दुनिया को डुलाते हैं।’

प्रधानमंत्री के भाषण के बीच-बीच में ‘मोदी मोदी’ के नारों से पूरा मैडिसन स्क्वेयर गार्डन गूंजता रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टीवी सीरियलों पर व्यंग्य करते हुए कहा, ‘आप ’20 साल बाद’ से परिचित हैं, और भारत में 30 साल बाद बहुमत की सरकार बन पाई। लोकसभा चुनाव 2014 में ‘ओपिनियन मेकर’ भी ओपिनियन बनाने में नाकाम रहे।’

प्रधानमंत्री ने कहा, चुनाव जीतना सिर्फ पदग्रहण या कुर्सी पर विराजने का नाम नहीं होता, चुनाव जीतना जिम्मेदारी होती है, और मैंने अब तक 15 मिनट भी छुट्टी नहीं ली है। मैं विश्वास दिलाता हूं, जो दायित्व दिया है, उसे लेकर आपको नीचा नहीं दिखाऊंगा। मोदी ने कहा, मेरी सरकार भारत की आर्थिक स्थिति को बदलने में कोई कमी नहीं रखेगी। आप सबकी उम्मीदों को पूरा करने में मेरी सरकार शतप्रतिशत सफल होगी।

मोदी ने कहा, सारी दुनिया मानती है, 21वीं सदी एशिया की ही है। हम कहते हैं, 21वीं सदी भारत की है, क्योंकि हमारे पास संभावनाएं हैं। हिन्दुस्तान आज दुनिया का सबसे पुरातन संस्कृति वाला सबसे नौजवान देश है। हिन्दुस्तान की 65 फीसदी आबादी 35 वर्ष से कम आयु की है। जिस देश का नौजवान कृतसंकल्प हो, वह पीछे मुड़कर नहीं देखता।

मोदी ने कहा, हमारे पास निराशा का कोई कारण नहीं है, हम बहुत तेज़ गति से बढ़ेंगे। हमारे पास तीन ऐसी चीज़ें हैं, जो दुनिया में किसी के पास नहीं। एक है लोकतंत्र, जो हमारे देश में व्यवस्था नहीं, आस्था है। दूसरा है डेमोग्राफिक डिविडेंड, जो सबसे युवा देश होने के नाते सबसे बड़ी संपदा है। तीसरा है डिमांड, जो दुनिया के लिए सवा सौ करोड़ का बाज़ार है भारत के पास सिर्फ संकल्प और सामर्थ्य ही नहीं, संयोग भी है, जनता-जनार्दन का आशीर्वाद परमात्मा का आशीर्वाद होता है : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

अमेरिका से तुलना करते हुए उन्होंने कहा, अमेरिका सबसे पुराना और भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। अमेरिका में सारी दुनिया के लोग बसे हैं, भारतीय सारी दुनिया में बसे हैं। विकास पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, विकास तब होता है, जब जनभागीदारी होती है। हज़ारों मील दूर रहकर भी आपकी पीड़ा को भलीभांति जानता हूं। हमें विकास को जनांदोलन बनाना ही होगा। गांधी जी ने आज़ादी की लड़ाई को जनांदोलन बना दिया था। आज़ादी की लड़ाई की तरह विकास को जनांदोलन बनाना होगा। हर व्यक्ति को लगना चाहिए, वह देश की शान-बान के लिए काम करता है।

पीएम ने कहा, मुझे विश्वास है, हर कोने में हिन्दुस्तानी को लगता है, देश को आगे लाना है। 2020 तक वर्कफोर्स की ज़रूरत सिर्फ हिन्दुस्तान सप्लाई कर पाएगा। दुनिया को गणित, विज्ञान के शिक्षक चाहिए, भारत एक्सपोर्ट कर सकता है। भारत के नौजवान के टैलेंट का लोहा दुनिया को मानना पड़ेगा। नौजवानों के कौशल विकास पर पीएम ने कहा, हमारे नौजवानों के पास स्किल होगा, तो नया हिन्दुस्तान बनेगा। हमारे नौजवानों में दो तरह का स्किल डेवलपमेंट करेंगे। एक होगा जॉब क्रिएटर, और दूसरा, जो पहली बार में किसी भी काम के लिए चुना जाए।

मार्स मिशन की कामयाबी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, हमारे यहां ऑटो से एक किलोमीटर जाना है तो 10 रुपये लगता है जबकि मंगल ग्रह के सफर में एक किलोमीटर पर महज 7 रुपये खर्च हुए। यह हमारे नौजवानों के सामर्थ्य के चलते संभव हो सका। भारत पहला देश बना जो पहली बार में मंगल पर पहुंच गया। हॉलीवुड की फिल्म के कम बजट से हम मंगल पर पहुंच गए। भारत-अमेरिका मंगल पर भी बात करते हैं।

जन-धन योजना पर पीएम ने कहा, सरकारी खजाने का उपयोग गरीबों के लिए होना चाहिए। सरकार चलती है, इसका सबूत दो हफ्ते में चार करोड़ बैंक खाते खुले। ज़ीरो बैलेंस एकाउंट होने के बावजूद मेरी जनता की ईमानदारी सामने आई। ज़ीरो बैलेंस एकाउंट होने पर भी 1500 करोड़ रुपये जमा कराए गए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘मेक इन इंडिया’ के लिए आप सभी आमंत्रित हैं। भारत में काम करवाने के लिए धक्के खाने के दिन चले गए। आम लोगों की सरकार तक पहुंच का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, शासन जनसाधारण की आशाओं-आकांक्षाओं की पूर्ति के लिए होना चाहिए। ‘mygov.in’ वेबसाइट पर अपने सुझाव दीजिए। मेरा ध्यान गुड गवर्नेन्स पर है। मोदी ने कहा, काम पीएम के लायक हों या नहीं, मैं टॉयलेट बनाने का काम करूंगा। मैं चाय बेचते-बेचते यहां तक पहुंचा हूं। छोटा आदमी हूं, सो, छोटे कामों में और छोटे लोगों के लिए काम में मन लगता है। छोटे-छोटे लोगों के लिए बड़े-बड़े काम करना चाहता हूं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां एकत्र भारतीय अमेरिकियों से गंगा सफाई में सहयोग का वादा लिया। उन्होंने कहा, ‘आसान काम करने के लिए जनता ने मुझे पीएम नहीं बनाया। देश की 40 फीसदी आबादी की आर्थिक गतिविधियां गंगा पर निर्भर हैं।’

उन्होंने कहा, महात्मा गांधी ने हमें आज़ादी दी, लेकिन हमने उन्हें क्या दिया। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती तक सफाई का उपहार देना चाहिए। आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ तक सभी भारतीय परिवारों के पास अपना घर होना चाहिए। मोहनदास कर्मचंद गांधी भी आप ही की तरह प्रवासी भारतीय थे। 2015 बेहद महत्वपूर्ण वर्ष है, बापू की भारत वापसी को 100 साल पूरे होंगे। 2015 में प्रवासी भारतीय दिवस अहमदाबाद में मनाया जाएगा।

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने अमेरिका में भारतवंशियों के लिए एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि पीआईओ कार्डहोल्डर को आजीवन वीज़ा दिया जाएगा। लंबे समय तक रहने पर भी पुलिस थाने के चक्कर नहीं लगाने होंगे। कुछ ही महीनों में पीआईओ और ओसीआई स्कीमों को एक कर दिया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अमेरिकी पर्यटकों को वीज़ा ऑन एराइवल की सुविधा जल्द लागू होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘भारत माता की जय’ के नारे से ही अपने भाषण का समापन किया।
मोदी बोले, ‘अमेरिका दुनिया का सबसे पुराना लोकतंत्र है। सारी दुनिया के लोग अमेरिका में बसे हैं और भारत के लोग सारी दुनिया में जाकर बसे हैं। दुनिया का कोई ऐसा कोना नहीं, जहां भारत का कोई नागरिक न मिले।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सरकार विकास नहीं कर पातीं, स्कीम लागू कर सकती है। विकास जनभागीदारी से होता है। हम डेवलपमेंट की जिम्मेवारी सवा सौ करोड़ देशवासी मिलजुलकर पूरा करेंगे। विकास को जनआंदोलन बनाने की जरूरत है।