जानिये, महबूबा मुफ्ती चेतावनी, अगर मोदी सरकार ने उठाया यह कदम तो आयेगा विनाशकारी परिणाम

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नई दिल्ली: PDP अध्यक्ष एवं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद 370 पर उठाए गए सरकार के कदम को लेकर सोमवार को कहा कि भारत कश्मीर के साथ किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रहा। सरकार ने सोमवार को एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने की बात कही गई है।

महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ‘अनुच्छेद 370 निरस्त” करने का सरकार का एकतरफा फैसला अवैध एवं असंवैधानिक है। महबूबा ने ट्विटर पर कहा कि इससे जम्मू-कश्मीर पर सारे अधिकार भारत को मिल जाएंगे।’

उन्होंने ट्वीट किया कि आज का दिन भारतीय लोकतंत्र का एक स्याह दिन है। 1947 में दो राष्ट्रों के सिद्धांत को खारिज करने तथा भारत के साथ जाने का जम्मू कश्मीर नेतृत्व का फैसला भारी पड़ गया। अनुच्छेद 370 रद्द करने का भारत सरकार का एकतरफा फैसला अवैध एवं असंवैधानिक है जो जम्मू-कश्मीर को चलाने का पूरा अधिकार भारत को दे देगा।

यह उपमहाद्वीप के लिए विनाशकारी परिणाम लेकर आएगा। भारत सरकार की मंशा साफ है। वे जम्मू-कश्मीर के लोगों को आतंकित कर इस पर अपना अधिकार चाहते हैं। भारत कश्मीर के साथ किए गए वादों को निभाने में विफल रहा।

PDP नेता ने कहा कि राज्य के संबंध में उठाए गए कदमों पर मीडिया एवं सिविल सोसाइटी का खुशी मनाना ‘‘घृणास्पद एवं परेशान करने वाला है। उन्होंने ट्वीट किया कि भारत सरकार की मंशा साफ एवं बेईमान हैं। वे भारत में केवल मुस्लिम बहुल राज्यों की आबादी की संरचना को बदलना चाहती है, मुस्लिमों को इस हद तक बेबस बना देना चाहते हैं कि वे अपने ही राज्य के दोयम दर्जे के नागरिक बन जाएं।

पहले से ही नजरबंद हूं और आगंतुकों को भी नहीं मिलने दिया जा रहा। पता नहीं कब तक संपर्क नहीं कर पाऊंगी। क्या यह वह भारत है जिसे हमने स्वीकार किया था? पीडीपी अध्यक्ष और राज्य के कई अन्य नेता रविवार से ही नजरबंद हैं।

उन्होंने ट्वीट किया कि हम जैसे लोगों के साथ धोखा हुआ जिन्होंने संसद, लोकतंत्र के मंदिर में भरोसा जताया। जम्मू-कश्मीर में वे तत्व जिन्होंने संविधान को खारिज किया और संयुक्त राष्ट्र के तहत समाधान चाहा वे सही साबित हुए। कश्मीरी जो अलगाव महसूस करते हैं उनका अलगाव यह और बढ़ाएगा। गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार सुबह राज्यसभा में एक प्रस्ताव पेश किया कि अनुच्छेद 370 के सभी प्रावधान राज्य पर लागू नहीं होंगे।