कार्यकारणी कमेटी ने ने सोनिया और राहुल के इस्तीफे को नहीं किया स्वीकार

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asनई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्योक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनावों में मिली करारी हार के लिए खुद को जिम्मेेदार मानते हुए इस्तीउफे की पेशकश की लेकिन कमेटी ने उनके इस्ती फे की पेशकश स्वीहकार नहीं की। सीडब्ल्यूसी की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता  जनार्दन द्विवेदी ने कहा कि समिति के अधिकतर सदस्योंय ने सोनिया-राहुल के इस्तीेफे की पेशकश को मानने से इनकार कर दिया। उन्होंिने कहा कि मनमोहन सिंह ने हार की जिम्मेिदारी ली है।

लोकसभा चुनाव में अब तक की हुई सबसे बुरी हार पर चर्चा करने  के लिए बुलाई गई कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक करीब दो घंटे चली।  हार पर मंथन के लिए बुलाई गई बैठक में सदस्यों  ने सोनिया गांधी और राहुल के नेतृत्व  पर ही भरोसा जताया और उनके नेतृत्वव का प्रस्ताबव पास कर दिया। सूत्रों की माने तो प्रियंका गांधी की अभी पार्टी के लिए कोई भूमिका नहीं बनी है।

बैठक शुरू होने से पहले अंदेशा जताया जा रहा था कि सीडब्यूव कासी के सदस्य समिति की आज की बैठक में इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। इस बात के भी संकेत जताए जा रहे थे कि बैठक में राहुल गांधी के सलाहकारों पर प्रहार हो सकता है।  इस तरह के किसी प्रयास के बारे में हालांकि आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा गया है लेकिन चुनावों में पराजय के बाद पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई की बैठक में सीडब्ल्यूसी सदस्यों द्वारा इस्तीफे की पेशकश किए जाने को लेकर चर्चा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल की उस टिप्पणी के बाद शुरू हुई कि पार्टी की इस पराजय के लिए मुझ सहित सभी जिम्मेदार हैं।

पटेल ने कहा कि इस परिणाम के लिए आप किसी एक व्यक्ति को कैसे जिम्मेदार ठहरा सकते हैं। यह पार्टी और सरकार की सामूहिक जिम्मेदारी है। पार्टी की इस पराजय के लिए मुझ सहित सभी जिम्मेदार हैं। जहां पार्टी सूत्रों ने उन खबरों का खंडन किया है कि चुनाव में करारी हार के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने की पेशकश कर सकते हैं वहीं, बैठक में कुछ नेता पार्टी के चुनाव प्रचार और गठबंधन रणनीति के बारे में असहज सवाल उठा सकते हैं।

राहुल गांधी के कामकाज की शैली के बारे में भी सवाल उठाए जा रहे हैं लेकिन इस बात पर संदेह जताया जा रहा है कि सोनिया की अध्यक्षता में होने वाली सीडब्ल्यूसी की इस बैठक में कोई भी इस मुद्दे को उठाने का साहस करेगा। गौरतलब है कि सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस को 543 सीटों में से मात्र 44 सीटें हासिल हुई हैं जो पार्टी का अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन है।

पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के लोकसभा सदस्यों की संख्या 206 थी। सोनिया और राहुल शुक्रवार को मीडिया के समक्ष उपस्थित हुए और पार्टी की करारी हार के लिए व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदारी ली थी। इस बीच कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने आज कहा कि पार्टी की चुनावी हार के मद्देनजर पार्टी नेतृत्व का इस्तीफा आगे बढ़ने का रास्ता नहीं हो सकता है।