प्रद्युम्न मर्डर केस में एक और बड़ा खुलासा, रडार पर कई पुलिस वाले : CBI

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नई दिल्ली गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर हत्याकांड की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI) हर दिन नए-नए खुलासे कर रही है। इस कड़ी में CBI ने एक और बड़ा खुलासा किया है। CBI सूत्रों के मुताबिक, जांच में पता चला है कि गुरुग्राम पुलिस ने प्रद्युम्न मर्डर केस में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की थी।

इतना ही नहीं, पुलिस ने सुबूत मिटाने की भी कोशिश की थी। हरियाणा पुलिस पर पहली बार इस मामले में इतने संगीन आरोप लगे हैं। इससे पहले पुलिस बस कंडक्टर अशोक को आरोपी बनाने में भी घिरी हुई है।

वहीं, CBI सूत्रों के हवाले से जानकारी आ रही है कि शक के घेरे में आए कुछ पुलिसवालों के कॉल रिकॉर्ड की जांच हो रही है। उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी की जा सकती है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि इस मामले में कुछ पुलिसवाले गिरफ्तार भी हो सकते हैं।

वहीं, CBI के प्रवक्ता आरके गौड़ का कहना है कि जांच में किसी भी स्तर पर कोई कमी न रह जाए, इसे लेकर जिससे पूछताछ करने की आवश्यकता होगी, की जाएगी। सबसे पहले आरोपी की पहचान करने का काम किया जाता है। आरोपी की पहचान होने के बाद फिर मामले से संबंधित लोगों की पहचान की जाती है। जिसके ऊपर भी संदेह होगा, उससे पूछताछ की जाएगी।

जानिए क्यों घिर गई गुरुग्राम पुलिस

CBI के अधिकारियों के हवाले से बताया जा रहा है कि गुरुग्राम पुलिस ने शुरुआती छानबीन के दौरान लापरवाही और जल्दबाजी की। इसके साथ ही उस वक्त मीडिया के सामने अशोक द्वारा गुनाह कबूल किए जाने को लेकर भी अब कहा जा रहा है कि उसने पुलिस के भारी दबाव में आकर ऐसा किया था। बड़ा सवाल यह भी है कि पुलिस कैसे एक बेगुनाह को आरोपी बना सकती है। यह भी कम आश्चर्यजनक नहीं है कि पुलिस आरोपी 11वीं के छात्र से भी कई बार पूछताछ कर चुकी थी, लेकिन CCTV फुटेज पर गौर ही नहीं किया, जिसमें वह आरोपी प्रद्युम्न के साथ था।

CBI जांच में भी यह बात भी सामने आ रही है कि मीडिया के भारी दबाव और परिजनों के सरकार और ऊपरी कोर्ट में गुहार लगाने के चलते गुरुग्राम पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक कुमार को आरोपी बना दिया था। यही नहीं उसके पास से हथियार पाए जाने का भी दावा किया।

वहीं, हद तो तब हो गई जब बस कंडक्टर ने मीडिया के सामने भी कबूल किया- हां मैंने ही कत्ल किया है। यह दूसरी बात है कि प्रद्युम्न के माता-पिता लगातार यह कह रहे थे कि बस कंडक्टर ने उनके बेटे को नहीं मारा है।

हत्या में इस्तेमाल क‌िया गया चाकू आरोपी छात्र ने सब्जी मंडी से खरीदा था। इस तरह से गुरुग्राम पुलिस द्वारा किया गया दावा कि चाकू अशोक ने आगरा से खरीदा था और बस की टूल किट से लेकर स्कूल में गया था यह आधारहीन है।

उधर, जेल में बंद आरोपी बस कंडक्टर अशोक की पत्नी ममता ने समाचार एजेंसी एएनआइ से कहा है कि मैं शुरू से कह रही थी कि मेरे पति बेकसूर हैं। मेरे पति को स्कूल प्रबंधन और गुरुग्राम पुलिस ने फंसाया है। ममता का कहना है कि पूरी ईमानदारी से जांच हो और हमें इंसाफ मिले।