कुलभूषण जाधव मामला: जानिये, कुलभूषण जाधव मामले की ICJ के सुनवाई के अपडेट

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नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (ICJ) हेग में सोमवार से कुलभूषण जाधव के मामले में सार्वजनिक सुनवाई शुरू हो गई है। भारत और कुभूषण जाधव की तरफ से हरीश साल्वे पेश हुए हैं और वह ICJ में दलीलें रख रहे हैं।

आपको बता दें कि द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद अंतरराष्ट्रीय विवादों को हल करने के लिए आईसीजे की स्थापना की गई थी। पाकिस्तानी सेना की अदालत ने अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोपों पर भारतीय नागरिक जाधव को मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने इसके खिलाफ उसी साल मई में ICJ का दरवाजा खटखटाया था। आईसीजे की 10 सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 में पाकिस्तान को मामले में न्यायिक निर्णय आने तक जाधव को सजा देने से रोक दिया था।

कुलभूषण जाधव मामले की ICJ से सुनवाई के अपडेट

भारत ने ICJ के सामने कहा कि पाकिस्तान ने प्रोपेगेंडा के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत का गलत इस्तेमाल किया।

संयुक्त राष्ट्र की अदालत में हरीश साल्वे ने कहा, वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 36 में कहा गया है कि किसी देश को अपने नागरिकों की नजरबंदी के बारे में सूचित किया जाना चाहिए, लेकिन पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव की ‘गिरफ्तारी’ के बारे में भारत को सूचित नहीं किया। उन्होंने कहा कि वियना कन्वेंशन के अनुच्छेद 36 के अनुसार, ट्रायल पूरा होने से पहले काउंसलर एक्सेस दिया जाना चाहिए लेकिन जाधव मामले में भारत को काउंसलर एक्सेस नहीं दिया गया था।

संयुक्त राष्ट्र की अदालत में हरीश साल्वे ने कहा, पाकिस्तान के पास कोई पुख्ता जवाब नहीं है। पाकिस्तान को तथाकथित अपराध के मूलभूत अधिकारों की भी जानकारी नहीं है। इस्लामाबाद द्वारा उठाए गए मुद्दों की कोई प्रासंगिकता नहीं है।

पाकिस्तान ने यह जानकारी देने से भी मना कर दिया कि कुलभूषण जाधव को किस आरोप में सजा सुनाई गई है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने इस मामले में प्रोपोगंडा के तहत इस्तेमाल किया। जाधव के खिलाफ पाकिस्तान ने केस खत्म होने के बाद सबूत जुटाए: हरीश साल्वे

हरीश साल्वे ने कहा, पाकिस्तान ने कुलभूषण जाधव का कबूलनामा FIR दर्ज होने से पहले लिया। इतना ही नहीं पाकिस्तान ने जांच की कोई डिटेल भी शेयर नहीं की।

30 मार्च 2016 को भारत ने पाकिस्तान को (जाधव के लिए) काउंसलर एक्सेस देने का अनुरोध किया था और उसका कोई जवाब नहीं मिला। उसके बाद भरत ने अलग-अलग तारीखों को 13 बार रिमांइडर भेजे थे।

हरीश साल्वे ने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है कि पाकिस्तान प्रोपोगंडा टूल के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। पाकिस्तान बिना देर किए काउंसलर एक्सेस देने के लिए बाध्य था।

यह वियना कन्वेंशन का एक गंभीर उल्लंघन: हरीश साल्वे

हरीश साल्वे ने कहा, बिना काउंसलर एक्सेस दिए कुलभूषण जाधव को लगातार हिरासत में रखे रहने को गैरकानूनी घोषित किया जाना चाहिए।

ICJ ने हेग में 18 से 21 फरवरी तक मामले में सार्वजनिक सुनवाई का समय तय किया है और मामले में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले हरीश साल्वे पहले दलीलें पेश रख रहे हैं।

पाकिस्तान के वरिष्ठ अधिवक्ता खावर कुरैशी 19 फरवरी को देश की ओर से दलीलें पेश करेंगे। इसके बाद भारत 20 फरवरी को इस पर जवाब देगा जबकि इस्लामाबाद 21 फरवरी को अपनी आखिरी दलीलें पेश करेगा। ऐसी उम्मीद है कि आईसीजे का फैसला 2019 की गर्मियों में आ सकता है।