बिहार में JDU बनाम RJD: किसकी होगी वापसी

Like this content? Keep in touch through Facebook

 

rjd jduबिहार की महाराजगंज लोकसभा सीट नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के लिए नाक की लड़ाई बनी हुई थी। इस सीट पर हुए उप चुनाव परिणाम आने वाले वक्त में बिहार की राजनीतिक पर बहुत असर दाल सकता है। लेकिन अभी यह सवाल वक्त के गर्भ में है। लेकिन बेशक इससे राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि यह सीधे तौर पर नीतीश कुमार की हार है। दूसरी ओर जदयू के खेमे में उदासी का माहौल है। क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जादू उतर रहा है? कांग्रेस को उल्लेखनीय वोट नहीं मिलना बताता है कि उसके दिन अभी नहीं आये हैं।

महाराजगंज लोकसभा उपचुनाव में अपनी पार्टी की जीत से उत्साहित राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने नीतीश कुमार के पतन की भविष्यवाणी की और कहा कि यह निश्चित तौर पर उनकी पार्टी की वापसी है।

एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘युवक समेत सभी वर्गों के लोग राज्य में नीतीश कुमार और भाजपा के शासन से उब चुके हैं। सभी जातियों के लोगों ने मिलकर कुमार को हराने का फैसला किया है। यह उपचुनाव एक टेस्ट केस है और हमें बहुत भारी जीत मिली है।’ उन्होंने कहा, ‘यह निश्चित रूप से हमारी वापसी है। यह नीतीश कुमार के पतन की शुरू हो गई है। अब कोई उन्हें नहीं बचा सकता। जब सभी जातियां उनके खिलाफ एकजुट हो गयी हैं तो उन्हें कौन बचा सकता है। इस नतीजे का भारी असर होगा।’

लालू यादव की यह टिप्पणी महाराजगंज लोकसभा उपचुनाव में RJD के 1.37 लाख मतों से जीतने के कुछ घंटे बाद आयी है। RJD के प्रभुनाथ सिंह ने जदयू के पीके साही को हरा दिया। राजद सांसद उमाशंकर सिंह के निधन के कारण यह उपचुनाव कराया गया। इसी बीच RJD ने कहा कि कांग्रेस के लिए यह आत्ममंथन का समय है क्योंकि अगले चुनाव के बाद केंद्र में लालू प्रसाद के बगैर कोई भी धर्मनिरपेक्ष सरकार संभव नहीं है।

पार्टी महासचिव विजय कृष्णा ने कहाए ‘नीतीश कुमार सरकार के लिए उल्टी गिनती शुरू हो गयी है। यह मुख्यमंत्री के अहं की पराजय है। बिहार राष्ट्रीय स्तर पर एक भूमिका निभाएगा। लालू प्रसाद के बगैर कोई धर्मनिरपेक्ष सरकार नहीं होगी।’ अगले लोकसभा चुनाव से पहले बिहार में कांग्रेस ने JDU और RJD से समान दूरी बनाते हुए एकला चलो का नारा दिया है। यूपीए-1 सरकार का हिस्सा रहा RJD यूपीए-2 को बाहर से समर्थन दे रहा है, RJD के चार सांसद हैं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास पर राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद का सामाजिक समीकरण भारी पड़ गया। महाराजगंज में नीतीश कुमार जहां विकास और बिहार की प्रगति के सवाल पर वोट मांग रहे थे, वहीं दूसरी ओर विकास को महज दिखावा बताते हुए लालू प्रसाद अपने उम्मीदवार प्रभुनाथ सिंह के पक्ष में सामाजिक समीकरण को मोड़ने में कामयाब रहे। इस संसदीय सीट पर जातीय बुनावट ऐसी थी, जिसे साधने में लालू सफल रहे। राजपूतए यादव और मुस्लिम वोटरों का हिसाब.किताब जदयू उम्मीदवार को हराने में कारगर रहा। ध्यान रहे कि इसी सामाजिक समीकरण के बदौलत लालू प्रसाद लंबे समय तक बिहार की सत्ता संभालते रहे थे। जदयू अगड़ीए पिछड़ी, दलित और मुस्लिम वोटों का मिजाज भांप पाने में नाकाम रहा।

वहीँ अगर JDU की बात करें तो वह महाराजगंज के उपचुनाव में हार को जहां ज्यादा तवज्जो नहीं देना चाहती है, वहीं गुजरात की जीत से अति उत्साहित बीजेपी उसे इशारों-इशारों में आईना दिखाने की कोशिश कर रही है। इसकी वजह से बिहार में सत्तारूढ़ BJP-JDU गठबंधन की तनातनी एक बार फिर उजागर हो गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह जेडी ;यूद्ध की हार नहीं है, हमने सीट गंवाई नहीं है। उन्होंने कहा कि महाराजगंज RJD की ही सीट थी और वह उसे अपने पास बरकरार रखने में सफल हो गई। इसके जवाब में बीजेपी ने नीतीश को याद दिलाया कि गुजरात की सीटें भी बीजेपी के पास नहीं थींए वे कांग्रेस से छीनी गई हैं।